लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के समाप्त होते ही उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट चर्चा में आ गई. दरअसल ये सीट एक समय पर कांग्रेस पार्टी की परंपरागत सीट हुआ करती थी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस सीट से लोकसभा का चुनाव पड़ा करते थे, लेकिन साल 2019 में अमेठी से मिली हार के बाद राहुल ने ये सीट छोड़ दी. इसको लेकर राहुल पर हर तरफ से तंज कसा जा रहा है. वहीं अब इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी प्रतिक्रिया दी.
क्या बोले आचार्य
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बयान देते हुए कहा कि ”राहुल गांधी का अमेठी को छोड़ने का फैसला आत्मघाती फैसला है. राहुल गांधी अमेठी से भी हार रहे थे और रायबरेली से भी हार रहे हैं. हार के डर की वजह से राहुल गांधी ने सीट बदली है. राहुल गांधी देश के बड़े नेता हैं उनको अमेठी हार के डर से नहीं छोड़नी चाहिए थी. जो आदमी दूसरो को कहता था की डरो मत वह खुद डर गया है.”
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क्या है मामला
बता दें पहले राहुल गांधी ने वायनाड से नामांकन दाखिल किया था, दूसरे चरण में वायनाड में चुनाव हुए थे इसके बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे की राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन अंत तक इस पर सहमति नहीं बन पाई, नामांकन के आखिरी दिन राहुल गांधी का नाम कांग्रेस पार्टी ने रायबरेली से एलान किया. ये सीट भी कांग्रेस पार्टी की परंपरागत सीट है. इस सीट से कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव लड़ा करती थी.
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