World News: सउदी अरब और रूस के तेल उत्पादन में आयेगी कमी, क्या रहेगा भारतीय बाजार पर असर
World News: सऊदी अरब भारत के लिए एक बड़े तेल निर्यातक की भूमिका निभाता है। सऊदी अरब के पेट्रोलियम एंवम् ऊर्जा मंत्रालय से आई खबर के मुताबिक भारतीय बाजार में तेल की कीमतों में और अधिक उछाल आने की आशंका है। क्योंकि सऊदी अरब ने जुलाई महीने में 10 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन घटाने का फ़ैसला किया है जो कि अगस्त महीने तक जारी रहेगा.
सउदी अरब घटायेगा तेल का उत्पादन
सऊदी अरब की प्रैस रिपोर्टस के मुताबिक, अगस्त में उसका तेल उत्पादन प्रतिदिन 90 लाख बैरल प्रतिदिन होगा. एसपीए सूत्रों के हवाले से खबर आई है, कि तेल उत्पादन करने वाले देशों के समूह “औपेक पल्स” के तेल बाज़ार को स्थिरता प्रदान करने के प्रयासों की कोशिशों के लिए ये फ़ैसला लिया गया है। सऊदी अरब से ऐसी खबरें आने के बाद रूस ने भी अगस्त में प्रतिदिन पांच लाख बैरल तेल निर्यात कम करने का फ़ैसला किया है
सऊदी अरब और रूस के फ़ैसले के बाद कच्चे तेल के दामों में 1.6 फ़ीसदी का उछाल आया है और कच्चे तेल की कीमतें 76.60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है।रूस के उप-प्रधानमंत्री एलेक्सेंडर नोवाक ने कहा है, वैश्विक बाज़ार को उसके निर्यात में 5 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती की जाएगी ताकि तेल बाज़ार संतुलित रह सके.सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक है और 27 जून को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात में इस मुद्दे पर बात की थी.
रूस से भी आई बड़ी खबर सामने
रूस और सऊदी अरब कच्चे तेल के उत्पादक होने के कारण कच्चे तेल के दामों में उछाल लाने की कोशिशें कर रहे हैं.आर्थिक सुस्ती और बड़े तेल उत्पादकों की पर्याप्त आपूर्ति के बाद कच्चे तेल के दाम में गिरावट आई है. एक साल पहले कच्चे तेल के दाम 113 डॉलर प्रति बैरल थे.रूस की बड़ी ऊर्जा कंपनी ने दावा किया हैं कि कि बीते महीने ओपेक प्लस देशों की तुलना में रूस पीछे छूट रहा था और वो अपने तेल उत्पादन का बहुत छोटा हिस्सा ही निर्यात कर पा रहा था.सेशिन ने कहा, कि कुछ तेल उत्पादक ओपेक प्लस देश अपने उत्पादन का 90 फ़ीसदी तक निर्यात कर रहे थे, जहां रूस अपने उत्पादन का सिर्फ 50 प्रतिशत ही विश्व बाज़ार में भेज पा रहा था.