Saudi-Iran Reconciliation: ईरान-सऊदी अरब की दोस्ती !, भारत पर कैसा पड़ेगा असर ?

दशकों से दुश्मन रहे इस्लामिक देश सऊदी अरब और ईरान ने अब संबंध बहाल करने की घोषणा की है. चीन में चार दिनों तक चली बातचीत के बाद दोनों देश राजनियक संबंध बहाल करने पर राजी हुए हैं. इन दोनों  देशों के बीच समझौते को कराने में चीन की अहम भूमिका बताई जा रही है.

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Saudi-Iran Reconciliation:दशकों से दुश्मन रहे इस्लामिक देश सऊदी अरब (Saudi Arabia) और ईरान (Iran) ने अब संबंध बहाल करने की घोषणा की है. चीन में चार दिनों तक चली बातचीत के बाद दोनों देश राजनियक संबंध बहाल करने पर राजी हुए हैं. इन दोनों  देशों के बीच समझौते को कराने में चीन (China) की अहम भूमिका बताई जा रही है.

समझौता सफल रहा तो

बीजिंग (Beijing) में हुआ सऊदी-ईरान (Iran–Saudi) समझौता अगर सफल रहा तो भारत समेत दुनिया भर में इसके लंभा असर देखने को मिल सकता है. फिल्हाल समझौता हो जाने तक बातचीत को गुप्त रखा गया था. माना जा रहा है कि ये समझौता सऊदी अरब (Saudi Arabia) और ईरान (Iran) के बीच जारी तनाव के कम करने को लेकर हो सकता है. वहीं इस समझौते का फ्रांस (France), अमेरिका (United States), जॉर्डन (Jordan) के साथ कई पश्चिमी देशों ने स्वागत भी किया है.

भारत ने अभी तक नहीं दी प्रतिक्रिया

भारत ने अभी तक इस समझौते को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. आपको बता दें कि भारत ने पिछले कुछ सालों से मध्य-पूर्व खासकर खाड़ी देशों के साथ कई अहम समझौता किए हैं, जिसमें यूएई (UAE) के साथ सीईपीए (CEPA) यानी व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement) भी शामिल है. जिस वजह से ये समझौता भारत के लिए अहम माना जा रहा है.

भारत के रिश्ते

वर्तमान में भारत का रिश्ता ईरान (Iran) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) दोनों से ठीक है. पिछले कई समय से सऊद अरब (Saudi Arabia), भारत की ऊर्जा और जरूरतों को पूरा करने में अहम रोल निभा रहा है. इराक के बाद भारत सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल (crude oil) सऊदी अरब (Saudi Arabia) से ही खरीदता है. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russo-Ukrainian War) के बाद भारत रूस से सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदा है.

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