1984 Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस कांड पर दायर की गई क्यूरेटिव याचिका खारिज, पीड़ित को नहीं मिलेगा अतिरिक्त मुआवजा
1984 की भोपाल गैस त्रासदी पर केंद्र की क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रमी कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. जहां सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड कंपनी से 7400 करोड़ के अतिरिक्त मुआवजे दिलाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. आपको बता दें कि इस याचिका में भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन से मुआवजा बढ़ाने की मांग की गई थी. जिसे आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है.
1984 Bhopal Gas Tragedy: 1984 की भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) पर केंद्र की क्यूरेटिव याचिका (Curative petition) पर सुप्रमी कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया है. जहां सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूनियन कार्बाइड कंपनी (Union Carbide) से 7400 करोड़ के अतिरिक्त मुआवजे दिलाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. आपको बता दें कि इस याचिका में भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) के पीड़ितों को अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (Union Carbide Corporation) से मुआवजा बढ़ाने की मांग की गई थी. जिसे आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दी है.
केंद्र की क्यूरेटिव याचिका खारिज
कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र की याचिका सिर्फ खारिज ही नहीं किया बल्की कोर्ट ने केंद्र को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) में पीड़ितों के मुआवजे में घोर लापरवाही कहकर फटकार लगाई. इसी के साथ कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि लंबित दावों को पूरा करने के लिए भारत सरकार की ओर से RBI के पास पड़े 50 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल किया जाएगा.
क्या है भोपाल गैस त्रासदी
दो दिसंबर 1984 में रात को भोपाल में मौत ने शहर की रूह को झकझोर कर रख दिया था. जिसके घाव आज भी लोगों के जहन से नहीं मिटे हैं. दरअसल भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव हो गया था. जिसमें रोत को सो रहे लोगों नींद में मौत की नींद सो गए. जिसमे मरने वालों की संख्या लगभग 16000 की थी.
2010 में दायर की थी याचिका
इस गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) के बाद कंपनी ने पीड़ितों को 470 मिलियन अमेरिकी डॉलर का मुआवजा दे दिया था. लेकिन पीडित अतीरीक्त मुआवजे की मांग को लेकर कोर्ट (Supreme Court) पहुंचे. केंद्र ने 2010 में क्यूरेटिव याचिका (Curative petition) दायर कर पीड़ितों को कंपनी से 7,844 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग की. लेकिन यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (Union Carbide Corporation) ने 1989 में हुए समझौते के बाद पीड़ितों को और पैसा देने से मना कर दिया. जिसके बाद कोर्ट ने 12 जनवरी को याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें सुनी. जिसके बाद फैसला सुरक्षित रखने के बाद आज यानी मंगलवार को कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.