Sports News: भारतीय महिला आइस हॉकी टीम ने रचा इतिहास, एशिया कप में जीता पहला कांस्य पदक

भारतीय खेल इतिहास में एक नया अध्याय तब जुड़ गया जब भारतीय महिला आइस हॉकी टीम ने 2025 IIHF विमेंस एशिया कप में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। यह उपलब्धि सिर्फ एक पदक नहीं, बल्कि साहस, संघर्ष और आत्म-विश्वास की मिसाल है, जिसे लद्दाख और स्पीति की कठोर बर्फीली ज़मीन पर तैयार किया गया।

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Sports News: लद्दाख की ठिठुरती ठंड, टूटी-फूटी सुविधाएं और सामाजिक रूढ़ियों के बीच इन खिलाड़ियों ने खुद अपना रिंक तैयार किया—वो भी रातों को, जब तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाता था। कोई समर्थन नहीं, कोई संसाधन नहीं—फिर भी इन बेटियों ने हार नहीं मानी। उन्हें ताने दिए गए, हिम्मत तोड़ने की कोशिशें हुईं, लेकिन उन्होंने दिखा दिया कि हौसले अगर बुलंद हों तो रास्ता खुद बन जाता है।

31 मई से 6 जून तक यूएई के अल-अइन में आयोजित टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने पांच मुकाबलों में हिस्सा लिया, जिसमें तीन में जीत और दो में हार के साथ तीसरे स्थान पर रहकर कांस्य पदक हासिल किया। यह भारत के लिए महिला एशिया कप में पहला पदक था, जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया।

 

Sports News: इस प्रेरणादायक यात्रा की शुरुआत उन लड़कियों से हुई, जिन्होंने जमी हुई झीलों पर बिना किसी प्रोफेशनल प्रशिक्षण, सही उपकरण या रोल मॉडल्स के आइस हॉकी खेलना शुरू किया। प्रारंभिक दिनों में उन्हें सिर्फ पुरुष खिलाड़ियों के बाद ही खेलने का समय मिलता था और पुरुषों के पुराने उपकरणों से ही काम चलाना पड़ता था। उन्हें बार-बार कहा गया, “घर जाओ और माँ बनो” या “नृत्य सीखो”, लेकिन उन्होंने इन सभी बातों को नज़रअंदाज़ किया और खुद का रास्ता तैयार किया।

आज ‘लद्दाख विमेंस आइस हॉकी फाउंडेशन’ के जरिए इन खिलाड़ियों ने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है, बल्कि दूर-दराज़ गांवों में युवा लड़कियों को प्रशिक्षण देकर बदलाव की लहर भी शुरू की है।

यह सिर्फ एक जीत नहीं है, यह बदलाव की शुरुआत है—जहाँ सपने बर्फ पर नहीं, दिलों में जमे होते हैं।

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