Priyanka Chaturvedi India-Pakistan Cricket Match: क्या गृह मंत्रालय को ICC पर प्रभाव डालना चाहिए?

राज्यसभा में हाल ही की एक चर्चा के दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गृह मंत्री अमित शाह को एक अहम सलाह दी, जो न केवल क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गई, बल्कि देश की विदेश नीति और सुरक्षा दृष्टिकोण से भी जुड़ी हुई नजर आई।

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Priyanka Chaturvedi India-Pakistan Cricket Match: प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि अगर भारत सरकार ICC (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के चेयरमैन से कह दे कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच नहीं होना चाहिए, तो वह मैच नहीं होगा। उन्होंने इस बयान के साथ एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया कि यदि हम वास्तव में आतंकवाद के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंधु’ को सफल बनाना चाहते हैं, तो हमें सभी मोर्चों पर सख्ती दिखानी होगी — चाहे वह कूटनीतिक स्तर पर हो या खेल के मैदान पर।

उनका इशारा इस बात की ओर था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता है या उसे रोकने में विफल रहता है, तब तक भारत को उससे किसी भी तरह का द्विपक्षीय संबंध नहीं रखना चाहिए, जिसमें क्रिकेट मैच भी शामिल हैं।

यह बयान क्यों है महत्वपूर्ण?
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले हमेशा से ही भावनात्मक, राजनीतिक और रणनीतिक रूप से संवेदनशील रहे हैं। जहां एक ओर ये मैच करोड़ों दर्शकों का ध्यान खींचते हैं, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठता है कि क्या एक आतंकी समर्थक देश के साथ खेलना उचित है?

Priyanka Chaturvedi India-Pakistan Cricket Match: प्रियंका चतुर्वेदी का यह सुझाव कि गृह मंत्री अमित शाह यदि चाहें, तो भारत-पाक मैच रुकवाने के लिए ICC को निर्देशित कर सकते हैं — एक बड़ा राजनीतिक संकेत भी है कि भारत को अपनी शक्ति का प्रयोग अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और अधिक मजबूती से करना चाहिए।

निष्कर्ष
यह बयान एक नई बहस को जन्म देता है कि क्या खेल और राजनीति को अलग रखा जा सकता है? या क्या समय आ गया है कि भारत अपनी सुरक्षा और सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए, खेल के स्तर पर भी कठोर निर्णय ले?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस सलाह को कितनी गंभीरता से लेती है और ICC जैसी वैश्विक संस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

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