Pakistan की एक भ्रष्टाचार -निरोधक बैंच ने अदालत में कहा, कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 1986 में भ्रष्टाचार के मामले में राजनीतिक दबाव से प्रताडित किया. उनकी पार्टी ने इस फैसले को उनकी लोकतांत्रिक जीत बताया हैं। लाहौर की अदालत ने विस्तारपूर्ण आदेश जारी कर सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (PML-N) के प्रमुख नवाज शरीफ को जमीन के अवैध आवंटन के 37 साल पुराने मामले में बरी कर दिया. नवाज शरीफ पर लगाया गया यह मुकदमा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से जुड़ा है।
जमीन के अवैध आवंटन का मामला
पिछले माह में नवाज शरीफ के लिए अदालत में पेश किए गए जवाब में कहा गया, कि लाहौर में नवाज शरीफ ने “बेशकीमती सरकारी जमीन” अपने करीबी मीडिया उधोगपति को देने के आरोप में उन पर लंबे समय तक मुकदमा चल रहा था। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने आरोप लगाया, कि जंग ग्रुप के मालिक मीर शकील-उर-रहमान ने पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री नवाज शरीफ से मिलीभगत करके 54भूखंडों की अवैध छूट हासिल कर ली थी.
इमरान सरकार में मामले पर हुई जांच
यह मामला 2020 में दर्ज किया गया था, जब पाकिस्तान में पीटीआई/ पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार सत्ता में थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान पर कथित रूप से विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उन्हें कमजोर करने की कोशिश की जा रही थी।