Rahul Gandhi: राहुल गांधी को सजा फिर जमानत, सांसदी पर खतरा, क्या कहता है जनप्रतिनिधि कानून जानिए…

राहुल गांधी को मानहानि केस में दोषी करार दिया गया है. वहीं दोषी करार देने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि, क्या उनकी सदस्यता पर संकट मंडरा रहा है?. जिसका जवाब हम आपको देंगे और बताएंगे आखिर किस कानून के तहत उनकी सांसदी जा सकती है. इस कानून में क्या-क्या प्रावधान हैं

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Rahul Gandhi: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मानहानि केस में दोषी करार दिया गया है. वहीं दोषी करार देने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि, क्या उनकी सदस्यता पर संकट मंडरा रहा है?. जिसका जवाब हम आपको देंगे और बताएंगे आखिर किस कानून के तहत उनकी सांसदी जा सकती है. इस कानून में क्या-क्या प्रावधान हैं

राहुल के पास 30 दिन का समय

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को गुरुवार को चार साल पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई है. ये सजा उन्हें ‘मोदी’ सरनेम वाले विवादित टिप्पणी को लेकर सुनाई गई. हालाकी उन्हें जमानत (Bail) मिल गई है. कोर्ट ने उनकी सजा को 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया है.

क्या कहता है जनप्रतिनिधि कानून?

दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सांसदी पर जनप्रतिनिधि कानून (representative law) के तहत खतरा मंडरा गया है. कैसे बताते हैं आपको, जनप्रतिनिधि कानून 1951 में आया था.  कानून के तहत किसी भी सांसद (MP) और विधायक (MLA) को अपराधिक मामले में दोषी ठरहाया जाता है तो छह साल तक वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगे

  • कानून की धारा 8(1) में उन अपराधों का जिक्र किया गया है. जिसके तहत चुनाव लड़ने पर रोक लग जाती है. इस कानून में, दो समुदायों के बीच घृणा बढ़ाना, भ्रष्टाचार, दुष्कर्म जैसे अपराधों में दोषी पाए जाने पर चुनाव नहीं लड़ सकते. लेकिन इसमें मानहानि का जिक्र नहीं है.
  • इस कानून के तहत, पिछले साल आजम खान को हेट स्पीच (Hate speech) मामले में दोषी ठहराया गया था. जहां उनकी विधायकी चली गई थी
  • इस कानून के 8(3) के तहत अगर किसी सांसद (MP) या विधयाक (MLA) को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उनकी सदस्यता चली जाएगी साथ ही वे छह साल (6 Year) तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाती है
  • दोषी साबित होने के बाद उच्च न्यायालय (Court) में फैसले पर अपील कर सकते हैं. अगर तीन महीने के तक अपील नहीं की जाती या उच्च अदालत ने कन्विक्शन को निलंबित कर देती है तो इस मामले में भी सदस्यता चली जाती है.
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