लोगों को उत्तम स्वास्थय देने वाला दिल्ली का AIIMS अशुध्द सांस लेने को मजबूर, खराब यातायात के कारण प्रदूषण से बुरा हाल

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New Delhi Pollution:  देश के लोगों को उत्तम स्वास्थय को देने के लिए प्रतिबध्द एम्स भी शुध्द हवा में सांस नहीं ले रहा है। हम बात कर रहे हैं, देश की राजधानी दिल्ली में स्थित AIIMS की। खराब यातायात प्रबंधन, फेरीवालों द्वारा अतिक्रमण, हरित पट्टी का अभाव और आसपास के निर्माण स्थलों पर धूल प्रबंधन से संबंधित मुद्दे एम्स के पास वायु प्रदूषण के कुछ प्रमुख कारण हैं। इस साल की शुरुआत में, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने एम्स के पास प्रदूषण के मुद्दे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था और विभिन्न एजेंसियों को इस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के लिए कहा था। इस क्षेत्र में प्रदूषण को रोकने के लिए की गई कार्य योजनाओं और कार्रवाइयों पर रिपोर्ट भी मांगी थी। यह बात एक रिपोर्ट में कही गई है, जो हाल ही में नई दिल्ली नगर पालिका परिषद ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंपी है।

NDMC अतिक्रमण हटाने में नाकाम

NDMC ने अपनी रिपोर्ट में एम्स के पास प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए कुछ कदम उठाने का दावा किया है। इसने कई अन्य उपाय भी सुझाए हैं। एनडीएमसी ने एमजी रोड और अरबिंदो मार्ग से अतिक्रमण हटाने और कुछ स्थानों पर स्थायी वेंडिंग क्षेत्रों के प्रावधान जैसे अल्पकालिक उपाय सुझाए हैं। दीर्घकालिक उपायों में बेहतर यातायात योजना और पार्किंग सुविधाओं का सुझाव दिया गया है। इसी के साथ NDMC ने सिफारिश की है, कि एम्स के पास के एक हिस्से को स्मार्ट स्ट्रीटस्केपिंग परियोजना का हिस्सा बनाया जाए ताकि अतिक्रमण की समस्या स्थायी रूप से हल हो जाए। परिषद ने एमजी रोड और अरबिंदो मार्ग से अतिक्रमण हटाने के लिए नियमित विशेष अभियान चलाने का दावा किया है।

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यातायात प्रबंधन में दिल्ली पुलिस फेल

AIIMS के नजदीक यातायात को नियंत्रित करने के लिए सड़कों का जाल बिछाया गया। लेकिन फिर भी हर समय भारी जाम की समस्या लगातार बनी रहती है। एम्स के पास के क्षेत्र में अन्य समस्याओं के अलावा, एनडीएमसी ने अतिक्रमण के कारण यूसुफ सराय और गौतम नगर जैसे क्षेत्रों में वाहनों की एंट्री को कम करने का भी सुझाव दिया है। इसमें आगे कहा गया है, कि आसपास के क्षेत्र की लगभग सभी सड़कों पर सड़क पर पार्किंग है। दुकानें, ट्रांसफार्मर जैसी स्थायी संरचनाएं भी रास्ते के अधिकार को प्रभावित करती हैं।

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