Rajasthan Politics News: राजस्थान की राजनीति का एक ऐसा चेहरा जो अपने पिछले साढ़े चार साल की राजनीति में गहन चर्चाओं में रहा। जी हां, हम बात कर रहें हैं, राजस्थान के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) की। 2018 में राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने के लिए सचिन पायलट ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया। लिहाजा, कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम बनाया गया। लेकिन कुछ समय के बाद सचिन पायलट ने सरकार से विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद सियासत चरम सीमा पर पहुंच गई। राजनीति के जानकारों ने ये कयास भी लगाने शुरू कर दिए, कि पायलट कांग्रेस से बगावत करके भाजपा में जाने वाले हैं। लेकिन गहलोत सरकार का कार्यकाल पूरा होने को आया है। और कयास मात्र कयास ही बने हुए है।
सड़कों पर उतरे सचिन पायलट
सचिन ने पुरजोर तरीके से सरकार का सड़क पर उतरकर विरोध किया। उन्होंने पेपर लीक पर कठोर कानून बनाने की मांग की। सचिन पायलट ने कहा, कि 5 साल हमने वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। और उनको सत्ता से बाहर करने का काम किया था। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सचिन पायलट से मुलाकात कर उनकी मांगो पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
शीर्ष नेतृत्व में शामिल करने के कयास
हाल ही में कुछ दिनों पहले ही राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) समेत तमाम शीर्ष नेताओं के साथ सचिन पायलट की मुलाकात और उसके बाद जयपुर में बीते शुक्रवार को राजस्थान के चुनाव प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ अन्य नेताओं की सचिन पायलट के घर पर मुलाकात के बाद बताया जा रहा हैं। कि सचिन पायलट को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में शामिल किया जा सकता हैं. हालांकि, पायलट ने कहा, कि उनका ध्यान सिर्फ कांग्रेस को राजस्थान में दोबारा से सत्ता में वापसी करवाना हैं।