Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा इस वक़्त चर्चा में हैं, कल इलेक्शन कमीशन द्वारा डाटा को पब्लिक डोमेन में साझा किया गया. इस डाटा के सामने आते ही कई तरह के सवाल खड़े होने लगे. इस डाटा के मुताबिक सबसे ज़्यादा चंदा जिस पार्टी को मिला वह भारतीय जनता पार्टी यानि सत्ता धरी पार्टी है, इसके बाद ममता की टीएमसी और फिर कांग्रेस शामिल है. हलाकि इस डाटा में ये शामिल नहीं था की किस कंपनी ने कौन सा बांड लिया यानि की बांड संख्यां और किस पार्टी ने उसे रिडीम किया.
क्या बोले सीजेआई
इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षयता में इसपर चर्चा हुई, साथ ही कोर्ट ने SBI को फटकार भी लगायी। कोर्ट ने सभी को इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर्स को भी डिस्क्लोसे करने के आदेश दिए. कोर्ट में आज क्या हुआ आपको बतात हैं. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही सुनवाई शुरू हुई तो सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि “एक बात। भारतीय स्टेट बैंक की ओर से कौन पेश हो रहा है? उन्होंने बांड नंबर का खुलासा नहीं किया. इसका खुलासा भारतीय स्टेट बैंक द्वारा किया जाना है.”
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कोर्ट में क्या हुआ?
वहीँ इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एसबीआई को नोटिस जारी करने के आग्रह में बोलते हुए कहा कि “मैं भारतीय स्टेट बैंक की ओर से पेश नहीं हो रहा हूँ. लेकिन माई लॉर्ड SBI को नोटिस जारी कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें कुछ कहना होगा. मुझे लगता है कि उन्हें इसकी जरूरत है.”
इसके जवाब में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट के अदालत के फैसले के ऑपरेटिव हिस्से की ओर इशारा करते हुए जोर देकर कहा कि यह ‘समावेशी’ आदेश है, जिसमें सभी प्रासंगिक विवरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता है. सीजेआई ने भी इस पर बात रखते हुए खा कि “वास्तव में कहें तो SBI ने जो खुलासा किया है, हम उस पर आपत्ति जता सकते हैं।” हलाकि सीजेआई ने एसबीआई को नोटिस जारी करने का आदेश दिया.
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