Vote for Note मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, इस विधायक की बड़ी मुश्किलें

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Vote for Note: अक्सर आपने यह सुना होगा कि नेता वोट के बदले नोट बांटते हैं. कई बार आपने ऐसे वीडियो भी देखे होंगे. वहीं अब इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. सुप्रीम कोर्ट ने नोट के बदले वोट मामले में बड़ा फैसला दिया है. सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च न्यायालय ने साल 1988 का फैसला बदलते हुए यह बड़ा बयान दिया. फैसला सुनाते हुए देश की सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में सांसद और विधायकों को छूट नहीं दी जा सकती है.

कोर्ट ने क्या कहा

कोर्ट ने इस मामले में कहा कि “यह विशेषाधिकार के तहत नहीं आता है. इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि घूस लेने वाले ने घूस देने वाले के मुताबिक वोट दिया या नहीं. विषेधाधिकार सदन के साझा कामकाज से जुड़े विषय के लिए है. वोट के लिए रिश्वत लेना विधायी काम का हिस्सा नहीं है.” इस मामले की सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने साल 1988 में आए नरसिम्हा राव के फैसले को पलट दिया.

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सीता सोरेन की बड़ी मुश्किलें

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाली 7 जजों की बेंच ने या सार्वजनिक फैसला दिया. यह फैसला जेएमएम की विधायक सीता सोरेन द्वारा डाली गई एक याचिका के सुनवाई में कहा गया. दरअसल जेएमएम विधायक सीता सुरेन ने साल 2012 में रिश्वत लेकर राज्यसभा में वोट डालने के मामले में राहत मांगी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया.

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