Manipur में मैतई-कुकी के बीच नहीं थम रही है हिंसा, कुकी समुदाय के 3 लोगों को सरेआम उतारा मौत के घाट

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Manipur Voilence:मणिपुर में पीछले कई महीनों से दो समुदायों के बीच हिंसा चल रही है. जो थमने का नाम नहीं ले रही है. कांगपोपकी जिले में मंगलवार यानी 12 सिंतबर को प्रतिबंधित उग्रवादियों ने कुकी समाज के तीन आदिवासियों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया.

जानकारी के मुताबिक हमलावर एक गाड़ी लेकर आए थे और इंफाल पश्चिम और कांगपोपकी जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित इरेंग और करम इलाकों के बीच गांव वालों पर हमला कर दिया.अधिकारियों ने कहा कि इस गांव पर आदिवासी लोगों की तादाद अधिक है.

8 सितंबर को भी भड़की थी हिंसा

मौजूद अधिकारियों ने बताया कि, अभी हमारे पास अधिक जानकारी नहीं है. हम लोग सिर्फ इतना बता सकते हैं कि ये घटना सुबह करीब 8.20 बजे हुई. उस वक्त अज्ञात लोगों ने इरेंग और करम वैफेई के दरमयान एक इलाके में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. बता दें कि यह घटना मंगलवार 8 सिंतबर को तेंग्नौपाल जिले के पल्लेल में हिंसा भड़कने के बाद सामने आई है.जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक लोग घायल हो गए.

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मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी

गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच लगातार हिंसक झड़पें हो चल रही हैं. बता दें कि इसमें अबतक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने वाली मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया. जिसके बाद प्रदेश में यह हिंसा भड़की.मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदायों के लोगों की संख्या लगभग 53 फीसद है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं. जबकि कुकी-नागा सहित आदिवासी 40 फीसद हैं और अधिकतर पहाड़ी वाले इलाकों में रहते हैं.

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