Tuberculosis: संयुक्त राष्ट्र महासभा की हाई लेवल मीटिंग में दुनियाभर के नेताओं ने 2030 तक टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने की के प्रयासों को मंजूरी दे दी है. महासभा के द्वारा अगले पांच सालों के लिए नए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. जिसमें 90 % लोगों तक टीबी की रोकथाम और देखभाल के साथ सेवाएं सही समय पर पहुंचाना शामिल है. इसके अलावा बीमारी से पीड़ित लोगों को सामाजिक लाभ पैकेज देना और कम से कम एक नए टीके का लाइसेंस देना शामिल है.
टीबी को लेकर संयुक्त राष्ट्र सख्त
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि मैं सभी सदस्य देशों को राजनीतिक घोषणा के मंजूरी के लिए बधाई देता हूं. डेनिस फ्रांसिस ने आगे कहा कि हम आज प्रस्ताव के साथ आए हैं और फिर से टीबी को खत्म करने की दिशा में तेजी लाने का प्रयास करेंगे. जो हजारों साल पुरानी बीमारी है, परंतु आज भी विश्व की पहली संक्रामक जानलेवा बीमारियों में से एक है. उन्होंने यह भी कहा कि मानव जाति को चांद पर भेजने से लेकर दुनिया को अपनी उंगलियों पर लाने तक इतनी प्रोग्रेस के बावजूद, इस बीमारी को खत्म करने में हम क्यों असफल हैं.
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विश्व की दूसरी सबसे खतरनाक बीमारी है टीबी
संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि संक्रमण के कुछ फेक्टर जैसे- गरीबी, अपर्याप्त भोजन, सेहत की देखभाल में कमी, एचआईवी संक्रमण, डायबिटीज, मेंटल हेल्थ और धूम्रपान से निपटने से निपटने के लिए कदम उठाने की जरुरत है. अमीना मोहम्मद ने आगे कहा कि बीमारी से जुड़े कलंक को कम करने की जरूरत है ताकि लोगों को भेदभाव का सामना न करना पड़े. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक सिर्फ साल 2021 में टीबी से लगभग 16 लाख लोगों की मौत हो गई और कोविड महामारी के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी रही है.
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