Supreme Court on EVM: देश में लोकसभा चुनाव होने वाला है. कल पहले चरण का मतदान भी है, इससे पहले आज देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और VVPAT को लेकर बहस हुई. दरअसल VVPAT और ईवीएम में डाले वोटो के 100% मिलन को लेकर याचिका में पर यह सुनवाई चल रही थी. इसी बीच यह भी पता चला कि अमेरिका और यूरोप में बंद हुए ईवीएम मशीन से भारत का ईवीएम मशीन किस तरह से अलग है. ईवीएम को लेकर कोर्ट में क्या हुआ आपको बताते हैं.
कैसे है ईवीएम अलग
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के वकील यूरोप और अमेरिका में बंद हुए मशीन की तुलना भारत के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान बताया कि अमेरिका और यूरोप में होने वाले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन नेटवर्क से जुड़े होते थे. हालांकि भारत में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन स्टैंड अलोन है. उन्होंने बताया कि अमेरिका में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को निजी कंपनी बनाती थी, जबकि भारत में ईवीएम को पब्लिक सेक्टर की कंपनी बनाती है.
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क्या बोले जज
इस मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के जज ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण से कहा कि “आप इस तरह हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते. आपकी बातों को हमने विस्तार से सुना. चुनाव आयोग के प्रयासों को भी जाना. आपको भी इसकी सराहना करनी चाहिए. ईवीएम-वीवीपैट मिलान पांच फीसदी होगा, 40 होगा, 50 होगा या कुछ और…चुनाव आयोग को हर बात पर आपको सफाई देने की जरूरत नहीं है. वे लोग काम कर रहे हैं.”
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