सर्दियों की विदाई से पहले स्किन पर होती हैं दिक्कतें, ऐसे करें सामना !
बदलते मौसम में होने वाली कुछ स्किन प्रोब्लम्स के बारे में आपको बताएंगे. और उनसे बचने के उपाए भी समझाएंगे. एक्ने ब्रेकआउट, फॉलिकुलिटिस, मेलास्मा, खुजली वाले दाने, हीट रैश, धूप एलर्जी, धूप की कालिमा ये कुछ ऐसी बीमारियां है जो मौसम बदलने के बाद होती हैं
आज इस भगदड़ भरी जिंदगी में खुद को समय देना बहुत मुश्किल है. लेकिन अगर खुद को समय नहीं देंगे तो एक समय ऐसा आएगा की हम समय से पहले बूढ़े लगने लगेंगे. जिसके बाद महंगे-महंगे प्रोडेक्ट का इस्तमाल करने को मजबूर हो जाएंगे. वहीं मौसम बदलने के साथ ही कई स्किन प्रोबलम भी होने लगती है. आज हम आपको समय रहते इन बीमारियों के बारे में बताएंगे और इनका समाधान भी समझाएंगे.
बदलते मौसम में हो सकती है कई स्किन प्रॉब्लम
भारत के कई हिस्सों में सर्दियां अपने आखिरी पड़ाव पर है वसंत मौसम की शुरुआत हो चुकी है. अब न तो पहले जैसी ठंड रह गई है और न ही हवा उतनी शुष्क है. मौसम का ये बदलाव त्वचा पर भी नजर आने लगता है. जिससे चेहरे पर ड्राईनेस के साथ कई बिमारियां हो सकती है. आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपायों के बारे में जो आपकी स्किन को नर्म, मुलायम और आने वाली बिमारियों से बचाएगा.
ये हैं ज्यादातर होने वाली स्किन प्रॉब्लम
अगर आप बदलते मौसम में होने वाली कुछ त्वचा समस्याओं से रूबरू नहीं है तो आपको इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. बदलते मौसम में होने वाली कुछ स्किन प्रोब्लम्स के बारे में आपको बताएंगे. और उनसे बचने के उपाए भी समझाएंगे. एक्ने ब्रेकआउट, फॉलिकुलिटिस, मेलास्मा, खुजली वाले दाने, हीट रैश, धूप एलर्जी, धूप की कालिमा ये कुछ ऐसी बीमारियां है जो मौसम बदलने के बाद होती हैं.
एक्ने ब्रेकआउट
ये बीमारी तब होती है जब पसीना त्वचा पर बैक्टीरिया और ऑयल के साथ मिल जाता है. जिसके बाद ये आपके पोर्स को बंद कर देता है. अगर आपकी त्वचा पर मुंहासे हैं. इसका मतलब अक्सर ब्रेकआउट हो सकता है. इसलिए इससे बचने के लिए एक साफ कपड़े से अपनी त्वचा के पसीना समय समय पर पोंछें. पसीने से गिले कपड़े, तौलिये और टोपियों को दोबारा पहनने से जरूर धो लें.
फॉलिकुलिटिस
शरीर के हर बाल से एक छिद्र से निकलते हैं जिसे फॉलिकल कहा जाता है. जब फॉलिकल्स इनफेक्टेड (Follicles Infected) हो जाता है तो उसे फॉलिकुलिटिस (Folliculitis) हो जाता है. जिसे रोम पिंपल्स की तरह दिखते हैं. लेकिन उनमें खुजली होने लगती है. इस बीमारी से बचने के लिए वर्कआउट के दौरान पहने हुए टाइट कपड़े वर्कआउट के तुरंत बाद उतार दें.
मेलास्मा
वहीं धूप में बाहर रहने से आपके चेहरे पर भूरे रंग के धब्बे हो सकते हैं. जिसे मेलास्मा (Melasma) कहा जाता है. इससे बचने के लिए चहरे को समय समय पर धोते रहें
खुजली वाले दाने
बदलते मौसम से बहुत से लोगों को खुजली वाले दाने हो जाते हैं. ये बीमारी उन लोगों को ज्यादा होती है जो लोग लंबी पैदल यात्रा, बाइकिंग या बाहर ज्यादा समय बिताते हैं.इससे बचने के लिए जल्द अपने कपड़े और त्वचा धो लें.
हीट रैश
हीट रैश होने का कारण आपका पसीने की ग्रंथियां है. दरअसल पसीना बाहर नहीं निकलता तब ये आपकी त्वचा के नीचे जमा हो जाता है. जिससे दाने और छोटे, खुजलीदार धक्कों पैदा हो जाते हैं. जिसके बाद जब धक्कों के फटने और पसीना निकलने लगता है, तो बहुत से लोगों को अपनी त्वचा पर चुभन महसूस होती है..
धूप एलर्जी
ज्यादा धूप में रहने से पित्ती विकसित हो जाती है. जिसके लिए आप कुछ दवाएं लें सकते है.वहीं अगर आपकी स्किन सेंसिटिविटी है. सूरज से एलर्जी है, तो आपको त्वचा पर लाल, पपड़ीदार और खुजली वाले धब्बे दिखाई देंगे.
धूप की कालिमा
बदलते मौसम से सनबर्न होने की समस्या बढ़ सकती है…जिससे त्वचा को कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है. इससे बचने के लिए आप चौड़ी-चौड़ी टोपी, धूप का चश्मा, लंबी आस्तीन और पैंट पहन कर इससे बच सकत है.
पहचानें आपकी त्वचा की चुनौतियां
एक रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती उम्र आपकी त्वचा के लिए चुनौतियां बढ़ा सकती है. इसके साथ ही हार्श साबुन का इस्तमाल करना और स्किन को जोर से साफ करना त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है… ड्राई और डैमेज स्किन को मॉश्चराइज करने की बहुत जरूरत होती है… जिसके लिए स्किन की केयर करते समय इस्तेमाल होने वाली चीजों को सादा रखें. स्किन केयर रूटीन हमेशा सिंपल रखें क्योंकि रूटीन जितना सिंपल रहेगा आप उतनी ज्यादा चीजों को अपनी स्किन पर लगाने से बचेंगे. जैसे टोनर, सीरम और भारी मेकअप. ये सब चीजें त्वचा को ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं.
मॉइस्चराइजर का ध्यान रखना भी है जरूरी
मॉइस्चराइजर भी आपकी स्कीन के लिए काफी प्रभावी हो सकता है…मॉइस्चराइजर (Moisturizer) जितना थिक और चिकना होगा. वे उतना ही ज्यादा प्रभावी होगा. जब त्वचा नहाने के बाद नम होती है तब नमी को सील करने के लिए मॉइस्चराइजर का इस्तमाल किया जाता है. मॉइस्चराइज़र में सबसे सस्ता और कारगर होता है पेट्रोलियम जेली
Note: ये जानकारी सामान्य है इसका किसी बीमारी या दवाई से कोई लेना देना नहीं है। समस्या होने पर चिकित्सक से संपर्क करें।