Sawan 2025: सावन सोमवार व्रत का आध्यात्मिक महत्व
सावन के हर सोमवार को भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विशेषकर अविवाहित कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इस व्रत को श्रद्धा से करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं।
पूजन विधि (व्रत कैसे करें)
घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ कर भगवान शिव या शिवलिंग की स्थापना करें।
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, मिश्री) से शिवलिंग का अभिषेक करें।
इसके बाद गंगाजल से शुद्ध जलाभिषेक करें।
पूजन में बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, अक्षत (चावल) अर्पित करें।
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र या महामृत्युंजय जाप 108 बार करें।
अंत में दीपक, धूप अर्पित कर आरती करें और प्रसाद बांटें।
Sawan 2025: व्रत के नियम व आहार:
व्रत के दिन केवल सात्विक फलाहार लें जैसे:
दूध, दही, मखाने, साबूदाना, फल (सेब, केला) और सेंधा नमक से बनी चीजें।
प्याज, लहसुन, मांसाहार और नशीले पदार्थों से पूरी तरह बचें।
इस दिन काले कपड़े पहनने से भी परहेज करें।
शुभ मुहूर्त – सावन का पहला सोमवार 2025
मुहूर्त समय
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:16 से 05:04 तक
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:05 से 12:58 तक
अमृत काल दोपहर 12:01 से 13:39 तक
प्रदोष काल शाम 17:38 से 19:22 तक
विजय मुहूर्त दोपहर 14:45 से 15:40 तक
गोधूलि मुहूर्त शाम 19:20 से 19:40 तक
निष्कर्ष
सावन का पहला सोमवार शिवभक्तों के लिए आत्मिक शुद्धि, आस्था और दिव्यता का प्रतीक होता है। इस दिन का पूजन और व्रत आत्मबल प्रदान करता है।
हर-हर महादेव!