Ram Setu: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने राम सेतु की उपग्रह से ली गई तस्वीर को शेयर की हैं इस तस्वीर को कॉपरनिकस सेंटिनल-2 उपग्रह से लिया गया है। जिसे उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर शेयर भी किया है। इस फोटो में दिख रहा है कि राम सेतु तमिलनाडु के रामेश्वरम से श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक फैला हुआ है। हिंदू पौराणिक ग्रंथ रामायण के अनुसार भगवान राम ने माता सीता को लंका से वापिस लाने के लिए अपनी वानर सेना की सहायता से इस सेतु को बनाया था। वहीं, अब यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि 15वीं सदी तक राम सेतु चलने लायक था, लेकिन बाद में समुद्री तूफानों के कारण यह जगह-जगह से कट गया।
दक्षिणी हिस्से पर साफ दिखता है राम सेतु
रामसेतु भारत के रामेश्वरम और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट के पास मन्नार द्वीप के बीच 48 किलोमीटर की लंबाई में है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण से युद्ध करने के लिए भगवान राम और उनकी सेना ने लंका पहुंचने के लिए समुद्र पर इसे बनाया था। रिपोर्ट में बताया गया कि यहां कुछ रेत के टीले सूखे हैं, जबकि यहां समुद्र 1-10 मीटर गहरा है, जैसा कि पानी के हल्के रंग से संकेत मिलता है करीब 130 वर्ग किलोमीटर में फैला मन्नार द्वीप श्रीलंका की भूमि से सड़क पुल के साथ रेलवे पुल से भी जुड़ा हुआ है ये दोनों द्वीप के दक्षिणी हिस्से पर साफ दिखाई देता है।
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— European Space Agency (@esa) June 23, 2024
अब रहती हैं मछलियां और कछुए
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी बताया कि इन रेतीले टीलों पर कई तरह के पक्षी रहते हैं, जैसे भूरा नोडी. साथ ही उथले पानी में कई तरह की मछलियां और समुद्री घास भी पाई जाती हैं। राम सेतु के आसपास समुद्री जीवन में डॉल्फिन, डुगोंग और कछुए शामिल हैं। इसी साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम सेतु के शुरुआती पॉइंट अरिचल मुनाई का दौरा किया था बीच में यह भी खबर आई थी कि भारत और श्रीलंका को जोड़ने के लिए फिर से पुल बनाया जाएगा।
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