Rajasthan School Building Collapse: राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से 7 मासूमों की मौत: लापरवाही ने ली निर्दोष जानें

राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना ब्लॉक स्थित पिपलौद सरकारी स्कूल में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। स्कूल भवन का एक हिस्सा अचानक ढह गया, जिससे 7 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई और करीब 28 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा सुबह करीब 7:45 बजे हुआ जब छात्र प्रार्थना सभा के लिए एकत्र हो रहे थे।

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Rajasthan School Building Collapse: प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक स्कूल की क्लास 6 और 7 की छत अचानक से गिर गई जिसमें 35 बच्चे दब गए । स्थानीय ग्रामीणों, अध्यापकों और पुलिस की तत्परता से बच्चों को मलबे से बाहर निकाला गया। घायलों को तुरंत मनोहर थाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पहुंचाया गया, जहां कई बच्चों को आईसीयू में भर्ती किया गया है।

मृतकों में कुंदर, कनहा, रैदास, अनुराधा, बादल भील, पायल (12), प्रियंका (12), कुंदन (12), हरीश (8), कार्तिक और दो भाई-बहन मीनू (12) व कनहा (6) शामिल हैं। यह हादसा केवल एक इमारत गिरने का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को कई बार स्कूल की जर्जर हालत के बारे में अवगत कराया, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। एक छात्रा ने भी बताया कि उसने कुछ दिन पहले शिक्षक को बताया था कि छत से मलबा गिर रहा है, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया।

Rajasthan School Building Collapse: जिलाधिकारी अजय सिंह ने बयान दिया कि शिक्षा विभाग को जर्जर स्कूल भवनों की सूची देने को कहा गया था, लेकिन यह स्कूल उस सूची में शामिल नहीं था। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

यह हादसा एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि क्या हमारे बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता नहीं है? यह घटना केवल पीड़ित परिवारों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि यदि समय रहते लापरवाही नहीं रोकी गई, तो इसकी कीमत मासूमों की जान से चुकानी पड़ेगी।

निष्कर्ष:
सरकारी तंत्र की उदासीनता और प्रशासनिक चूक ने इस भयावह त्रासदी को जन्म दिया है। अब वक्त है कि ऐसे मामलों में कठोरतम कार्रवाई हो, ताकि फिर कोई मासूम इस तरह की लापरवाही का शिकार न हो।

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