Pakistan Political Crisis: इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अल कादिर ट्रस्ट मामले में जमानत को तीन दिन के लिए बढ़ा दिया है. इस बीच पीटीआई प्रमुख इमरान खान भी फैसले के समय कोर्ट परिसर में मौजूद थे. बता दें इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं. देशभर में उनके समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन चल रहा है. इसके आलावा कई शहरों में आगजनी और तोड़-फोड़ की घटनाएं भी सामने आई थी.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट से इमरान को राहत
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 12 मई को अदालत ने एक निर्देश जारी किया था जिसमें अधिकारियों को 15 मई तक पीटीआई प्रमुख को गिरफ्तार करने से रोक दिया था. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई में गिरफ्तारी पर प्रतिबंध को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया. वहीँ अब इस केस में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने आज इमरान खान को राहत देते हुए उनकी जमानत को तीन दिनों के लिए और बढ़ा दिया है.
किस वजह से हुई इमरान की गिरफ्तारी?
बता दें, इमरान खान पर कई मामलों में काफी समय से गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी, लेकिन फिलहाल इस बार जिस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया, वो मामला अल कादिर ट्रस्ट से जुड़ा हुआ है.
क्या है अल कादिर ट्रस्ट?
गौरतलब है कि पाकिस्तान के हालात निश्चित रूप से अच्छे नहीं हैं. दरअसल इमरान खान उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने एक प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था जिसका नाम उन्होंने अल-कादिर ट्रस्ट रखा था. इसका उद्देश्य और स्थापना पाकिस्तान पंजाब के झेलम जिले की सोहावा तहसील में ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ प्रदान करने के लिए हुआ था. दस्तावेजों के हिसाब से ट्रस्ट ने अपने सौदे के हिस्से के रूप में इस्लामाबाद के बहरिया शहर में 458 कनाल, 4 मरला और 58 वर्ग फुट की भूमि प्राप्त की।
बाद में पाकिस्तान के वर्तमान गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के अनुसार, इस 458 कनाल भूमि में से इमरान खान ने 240 कनाल भूमि बुशरा बीबी की करीबी दोस्त फराह गोगी के नाम पर ट्रांसफर कर दी. सनाउल्लाह ने दावा किया कि इस जमीन के मूल्य को कम करके इमरान खान ने विश्वविद्यालय के नाम पर अपना हिस्सा प्राप्त किया. राणा सनाउल्लाह ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व पीएम इमरान खान ने इस मामले को दबाने की कोशिश की थी. लेकिन इन आरोपों के बाद, पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने ट्वीट कर इमरान खान के पक्ष में सफाई जाहिर की.
बता दें यह पूरा घोटाला तब सामने आया जब पाकिस्तान के मीडिया ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा 180 मिलियन पाकिस्तानी रुपये प्राप्त हुए थे, जबकि रिकॉर्ड में लगभग 8.52 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का खर्च दिखाया गया था. यह घोटाला तब सामने आया जब पाकिस्तान के मीडिया ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा 180 मिलियन पाकिस्तानी रुपये प्राप्त किए गए थे, जबकि रिकॉर्ड में लगभग 8.52 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का खर्च दिखाया गया था. आरोप में यह कहा गया है कि जब संस्थान को एक ट्रस्ट के रूप में स्वीकार किया गया था तो संस्थान छात्रों से शुल्क क्यों ले रहा है.