Operation Sindoor: पहलगाम पर बयानबाज़ी: कांग्रेस के वार, भाजपा की पलटवार – आतंक पर राजनीति गरम”
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों ने राजनीतिक गलियारों में तीखी बहस छेड़ दी है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक सैन्य कार्रवाई की।
Operation Sindoor: वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने इस हमले को भारत-पाकिस्तान विभाजन की अधूरी विरासत से जोड़ा। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय उठाए गए मूलभूत प्रश्न आज भी अनुत्तरित हैं, और यह घटना उन सवालों की पुनरावृत्ति है। अय्यर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने बहुआयामी पहचान को स्वीकार नहीं किया, जिससे बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
कांग्रेस और विपक्ष के आरोप :- कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पहलगाम आतंकी हमले को भारत-पाकिस्तान विभाजन के “अनसुलझे सवालों” से जोड़ते हुए कहा कि यह घटना विभाजन के परिणामों को दर्शाती है। भाजपा ने इस बयान को पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति जताने वाला बताया और कांग्रेस पर राष्ट्रविरोधी रुख अपनाने का आरोप लगाया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने केंद्र सरकार की आतंकवाद के प्रति निष्क्रियता पर कटाक्ष करते हुए एक खिलौना राफेल विमान प्रदर्शित किया, जिस पर नींबू-मिर्ची लटकी हुई थी। यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 2019 में फ्रांस में राफेल विमान की ‘शस्त्र पूजा’ के संदर्भ में था। राय ने पूछा, “राफेल विमान कब इस्तेमाल होंगे, या वे केवल नींबू-मिर्ची के साथ हैंगर में ही रहेंगे?”
भाजपा ने राय की इस टिप्पणी की तीखी आलोचना की। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस नेता सेना का मनोबल गिराने की कोशिश कर रहे हैं और उनके बयान पाकिस्तान की मीडिया में भारत के खिलाफ प्रचार के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं।
असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने भी केंद्र सरकार से पाकिस्तान को करारा जवाब देने की मांग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर पूरा समर्थन देती है और राहुल गांधी ने भी सख्त कार्रवाई की वकालत की है।
इस बीच, भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह सेना का मनोबल गिरा रही है और पाकिस्तान के पक्ष में बयान दे रही है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बयान पाकिस्तान की भाषा बोलने जैसे हैं और इससे देश की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि पहलगाम हमले के बाद भारत की आंतरिक राजनीति में भी उथल-पुथल मची हुई है। जहां एक ओर कांग्रेस नेताओं ने सरकार की आतंकवाद के प्रति नीति पर सवाल उठाए हैं, वहीं भाजपा ने इन बयानों को राष्ट्रविरोधी करार दिया है। इससे देश में सुरक्षा और राजनीति के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती और भी बढ़ गई है