Nimisha Priya: यमन में भारतीय मूल की एक नर्स को मौत की सजा सुनाई गई है. यमन की सुप्रीम कोर्ट ने एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में मलयाली नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) को सजा सुनाई है. साल 2018 में निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद निमिषा (Nimisha Priya) ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां भी फैसला बरकरार रखा गया. भारत सरकार के वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि निमिषा की मौत की सजा रद्द नहीं की गई है. निमिषा की मां ने भारत सरकार से यमन जाने की इजाजत मांगी है, इसके लिए उन्होंने कोर्ट में याचिका भी दायर की है.
कौन हैं निमिषा प्रिया?
निमिषा केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं. वह 2014 के आसपास अपने पति के साथ यमन गई थी. लेकिन आर्थिक तंगी के कारण निमिषा के पति और बच्चे भारत लौट आए. यमन में रहते हुए निमिषा ने अपना क्लीनिक खोला. क्लिनिक खोलने के लिए निमिषा ने अपने पति टोनी थॉमस के दोस्त तलाल अब्दो महदी की मदद ली.
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हत्या के आरोप कैसे लगे?
निमिषा ने 2015 में क्लिनिक खोला और कमाई शुरू कर दी. इसके बाद तलाल कमाई में हिस्सा मांगने लगा और उसे परेशान करने लगा. तलाल ने अपनी और निमिषा की शादी के फर्जी दस्तावेज बनवाए. वह दावा करता था कि निमिषा उसकी पत्नी है. निमिषा ने इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने तलाल को गिरफ्तार कर लिया. जेल से बाहर आने के बाद निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए तलाल को नशीला इंजेक्शन दिया, लेकिन अधिक मात्रा लेने के कारण तलाल की मौत हो गई. इस दौरान निमिषा के साथ अब्दुल हनान भी थे.
निमिषा और हनान ने तलाल के शव के टुकड़े-टुकड़े कर उन्हें ठिकाने लगा दिया. लेकिन पुलिस ने मामले की जांच की और निमिषा और हनान को हिरासत में ले लिया. फ़िर को मौत की सज़ा सुनाई गई और अब्दुल हनान को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई.
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