Sharad Pawar Resignation : शरद पवार के इस्तीफे का असर, टूट जाएगी MVA ?

बड़े राजनीतिक घटनाक्रम ने महाविकास अघाड़ी (MVA) में एक नया सियासी तूफान लाकर खड़ा कर दिया है...जिससे अब महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) पर एक बार फिर से संकट के बादल छाने लगे हैं

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Sharad Pawar Resignation :  एक ओर जहां शरद पवार (Sharad Pawar) के इस्तीफे के बाद से ही सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई थी कि अब पार्टी का अगला अध्यक्ष (President) कौन होगा तो वहीं अब इस बड़े राजनीतिक घटनाक्रम ने महाविकास अघाड़ी (MVA) में एक नया सियासी तूफान लाकर खड़ा कर दिया है…जिससे अब महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) पर एक बार फिर से संकट के बादल छाने लगे हैं. दरअसल शरद पवार (Sharad Pawar) के इस्तीफे के बाद अलग अलग दल के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं तो ऐसे में संजय राउत( Sanjay Raut) और नान पटोले( Nana Patole) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

संजय राउत ने क्या कहा ?

दरअसल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ( Sanjay Raut) ने एनसीपी( NCP) के भावी नेता और अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद बयान देते हुई कहा था कि जिस तरह कांग्रेस में खरगे अध्यक्ष हैं और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सारे फैसले करते हैं उसी तरह शरद पवार के इस्तीफे के बाद एनसीपी में भी ऐसा ही होगा इसीलिए पार्टी के नेताओं को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है जिसको लेकर महाराष्ट्र( Maharashtra) कांग्रेस के चीफ नाना पटोले ने नाराजगी जाहिर की है

नाना पटोले ने क्या कहा ?

संजय राउत के बयान के बाद कांग्रेस के चीफ नाना पटोले ( Nana Patole) आग बबूला हो गए और उन्होने इस पर जवाब देते हुए कहा कि शिवसेना नेता कांग्रेस के प्रवक्ता नहीं हैं. खरगे वरिष्ठ नेता हैं और उनके अनुभव का दायरा बहुत बड़ा है. गांधी परिवार का इतिहास त्याग और समर्पण से भरा हुआ है। उस परिवार ने पीएम( PM) पद तक का त्याग कर दिया पटोले ने कहा कि राउत के बयान के हिसाब से हो तो हम सब ये कह सकते हैं कि शिवसेना ( उद्दव गुट) के सारे फैसले उद्धव न लेकर पार्टी के सारे फैसले संजय राउत( Sanjay Raut)  ले रहे हैं।

क्या टूट जाएगी महाविकास अघाड़ी ?

ये कोई पहली बार नहीं है जब महाविकास अघाड़ी (MVA) में टूट की तस्वीरें सामने आई हों इसके पहले भी कई बार इस गठबंधन में कई ऐसी तस्वीरें सामने आ चुकी हैं जिससे महाविकासअघाड़ी का साथ टूटते टूटते बचा है.फिर चाहे बात पिछले कुछ वक्त पहले सरकार बनने के बाद मंत्रियों के प्रभार बंटवारे को लेकर हो या फिर आम चुनाव में टिकटों की दावेदारी का मुद्दा हो अक्सर अपने अपने खेमे के नेताओं को टिकट दिलाने की होड़ भी महाविकास अघाड़ी में देखने को मिली और अब एक बार फिर से जो घमासान शिवसेना( उद्धव गुट) और कांग्रेस के नानापटोले (Nana Patole) के बीच सामने आ रहा है ये कहना लाजमी है कि महाविकास अघाड़ी की नैया अब डूबने की कगार पर है।

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