हरित क्रांति से भारत की तस्वीर बदलने वाले MS Swaminathan का निधन, PM Modi ने ट्वीट कर जताया दुख

0

MS Swaminathan Passed Away: भारत में हरित क्रांति के जनक के नाम से मशहूर महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन (MS Swaminathan) का आज निधन हो गया है. आज सुबह 1.20 बजे तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में उन्होंने अंतिम सांस ली. वहीं उनका जन्म तंजावुर, तमिलनाडु में 7 अगस्त, 1925 को हुआ था. बता दें कि एम एस स्वामीनाथ ने 98 वर्ष की उम्र में अंतिम सास लिया है. महान वैज्ञानिक (MS Swaminathan) को भारत में हरित क्रांति के जनक के तौर पर जाना जाता है. दरअसल उनके (MS Swaminathan Passed Away) निधन का कारण साफ नहीं हो पाया है, परंतु खबरों के अनुसार लंबी उम्र की वजह से आने वाली दिक्कतों के चलते उनका निधन हुआ है.

स्वामीनाथन के हरित क्रांति ने भारत की तस्वीर बदली

गौरतलब है कि स्वामीनाथन की गिनती भारत के महान कृषि वैज्ञानिकों के तौर पर होती हैं. जिसका मुख्य वजह धान की ऐसी किस्म को तैयार करना है, जिसने भारत के कम आय वाले किसानों को ज्यादा धान पैदा करने के काबिल बना दिया. वहीं कृषि वैज्ञानिक ने ‘हरित क्रांति’ की सफलता के लिए सी. सुब्रमण्यम (1964-67) और जगजीवन राम (1967-70 और 1974-77) के साथ मिलकर काम किया. दरअसल ये एक ऐसा प्रोग्राम था, जिसमें केमिकल-बायोलॉजिकल टेक्नोलॉजी के जरिए गेहूं और चावल की प्रोडक्टिविटी बढ़ाई गई. आज भारत हरित क्रांति की वजह से अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के रास्ते पर आगे बढ़ पाया है.

बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर में डॉ. स्वामीनाथन वैज्ञानिक थे. उन्होंने ‘इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च’ के अध्यक्ष के तौर पर 1972 से लेकर 1979 तक काम किया है. वहीं कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें साल 1967 में पद्म श्री, साल 1972 में पद्म भूषण और साल 1989 में पद्म विभूषण से नवाजा था. इतना ही नहीं उन्हें (MS Swaminathan) साल 1972 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (एशिया का नोबल पुरस्कार) से भी नवाजा गया था.

ये भी पढ़ें- राजा-रानी से कम नहीं थी Lata Mangeshkar की अधूरी प्रेम कहानी, जानिए पार्टनर से अलग होने की वजह?

पुलिस अफसर बनने की ख्वाहिश रखते थे स्वामीनाथन

दरअसल एम एस स्वामीनाथन के पिता एम के संबासिवन एक सर्जन थे. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा कुंभकोणम में ही हासिल की. उनकी कृषि क्षेत्र में दिलचस्पी की वजह उनके पिता का आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेना और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का प्रभाव रहा. दोनों लोगों की वजह से ही उन्होंने कृषि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल की. वहीं वैज्ञानिक की दिलचस्पी पुलिस अफसर बनने की थी. बता दें कि साल 1940 में उन्होंने पुलिस अफसर बनने के लिए एग्जाम भी क्वालिफाई कर लिया था. परंतु फिर उन्होंने कृषि क्षेत्र में दो बैचलर डिग्री हासिल की और कृषि वैज्ञानिक बन गए.

ये भी पढ़ें- कुत्ता घुमाकर फेमस हुईं IAS Rinku Dugga जबरन हुई रिटायर, गड़बड़ियों को देखते हुए सरकार का फैसला

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘Saugandh TV’ को अभी subscribe करें. आप हमें FACEBOOK,और INSTAGRAM पर भी फॉलो कर सकते हैं.

आपको यह भी पसंद आ सकता है
Leave A Reply

Your email address will not be published.