Kawar Yatra 2024: इस साल 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा का आयोजन होने जा रहा है, जो 19 अगस्त को समाप्त होगी। कांवड़ यात्रा की शुरुआत से पहले, योगी सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत, कांवड़ रूट पर स्थित सभी दुकानों, होटलों और ढाबों के मालिकों को अपने नाम का एक प्लेट बाहर लगाना अनिवार्य होगा। पहले यह आदेश केवल मुजफ्फरनगर के लिए लागू किया गया था, लेकिन बाद में इसे पूरे राज्य के कांवड़ रूट पर लागू कर दिया गया है। जिसे लेकर अब देश भर में विवाद चल रहा है बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू, आरएलडी, चिराग पासवान व विपक्षी दल भी सवाल उठा रहे हैं। इसी कड़ी में अब केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपना बयान दिया है।
केंद्र में मंत्री और बीजेपी के सहयोगी पार्टी LJP (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुजफ्फरपुर पुलिस के नेमप्लेट वाले आदेश का विरोध किया है। इस आदेश का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि वो जाति या धर्म के नाम पर भेद किए जाने का समर्थन नहीं करेंगे। चिराग पासवान ने कहा कि मैं 21वीं सदी का पढ़ा-लिखा युवा हूं और मेरी लड़ाई ही जातीयता और सांप्रदायिकता के खिलाफ है। ऐसे में मैं इतनी हिम्मत तो रखता हूं कि बिहार के मंच पर खड़ा होकर इस बात को बोल सकूं। मैं इसे नहीं मानता हूं, तो जहां पर भी ऐसे विभाजन चाहे जातीयता के नाम पर हो या धर्म के नाम पर हो, मैं बिल्कुल भी उसका समर्थन नहीं करता हूं और न ही उसको बढ़ावा देना चाहता हूं।
केसी त्यागी ने भी किया विरोध
इस मामले में सिर्फ चिराग पासवान ही नहीं बल्कि बीजेपी के साथी दल JDU के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी इस आदेश का विरोध किया है उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी इस तरह का कोई कानून अस्तित्व में नहीं आया। कांवड़ यात्रा केवल यूपी में ही नहीं बल्कि बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी निकलती हैं। हमारा बिहार तो देश में सद्भावना की ऐसी मिसाल है कि जो मुस्लिम लोग हैं भागलपुर से लेकर धाम तक दुकानें लगाते हैं और हिंदू-मुस्लिम सब मिलकर कांवड़ियों का स्वागत और सत्कार करते हैं ये विभाजनकारी है, इसमें विभाजन की बू आती है।
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