क्या हवाई यात्रा से बढ़ रहा है हवाई प्रदूषण? जानिए इससे कितना प्रदूषण फैलता है

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Airplane Pollution: हवाई यात्रा दुनिया का सफर सबसे सुरक्षित माना जाता है. लोगों के बीच लोकप्रिय विकल्प बनने की एक वजह यह भी है. खास कर त्योहार के समय जब लोगों को घर जाने के लिए ट्रेन की टिकट नहीं मिलती या फिर हॉलिडे के लिए बेहतर छूट की जरूरत पड़ती है. तो उस समय एयरलाइंस कंपनियां हमारी मदद के लिए एक कदम दूरी पर खड़ी होती है. क्या आपको मालूम है कि उतनी ही कम डिस्टेंस पर वह प्रदूषण भी फैलाती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि किसी आम कार या दूसरी गाड़ियों की तुलना में एक हवाई जहाज काफी ज्यादा प्रदूषण फैलाता है. आइए जानते हैं.

हवाई यात्रा का पर्यावरण पर प्रभाव

आम धारणा के विपरीत हवाई जहाज पर्यावरण प्रदूषण में बड़ा योगदान करता हैं. पर्यावरण एजेंसी यूबीए के मुताबिक जर्मनी से मालदीव की एक उड़ान जो एक तरफ से 8,000 किमी की दूरी तय करती है. प्रति व्यक्ति पांच टन से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ती है. इसकी तुलना में 25,000 किलोमीटर की यात्रा करने वाली एक औसत कार बेहद कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करती है. हवाई जहाज जमीन से 5,000 से 35,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरते हैं और इस ऊंचाई का पृथ्वी के तापमान पर खासा प्रभाव पड़ता है.

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हवाई जहाज के शोर से खतरे

हवाई जहाज न केवल वायु प्रदूषण करता हैं बल्कि स्थानीय समुदायों के लाइफ पर भी निगेटिव प्रभाव डालते हैं. अध्ययनों से इस बात का पता चला है कि विमान के शोर से लोगों में हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है और बच्चों में एकाग्रता का खतरा पैदा हो सकती है. इसके अलावा, हवाई जहाज नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसें छोड़ते हैं. बता दें कि वैश्विक आबादी का केवल एक छोटा सा हिस्सा यानी लगभग 20% लोगों को ही हवाई यात्रा करने का अवसर मिला है.

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