Irfan on Jasprit Bumrah: ‘दम लगाओ या आराम करो’, टीम इंडिया के लिए समर्पण ज़रूरी”
भारतीय क्रिकेट में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की वापसी और उनकी फिटनेस को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। इस बार पूर्व ऑलराउंडर और अनुभवी क्रिकेट विश्लेषक इरफान पठान ने बुमराह की भूमिका और ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ पर सीधा सवाल उठाया है। चौथे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर इरफान पठान ने कहा, “या तो आप टीम के लिए पूरा दम लगाओ, या फिर आराम करो। बीच-बीच में खेलकर काम चलाना सही नहीं है।”
Irfan on Jasprit Bumrah: इरफान पठान ने यह टिप्पणी बुमराह की लगातार गैरमौजूदगी और कुछ चुनिंदा मैचों में ही खेलने की नीति पर दी। उन्होंने इसे टीम इंडिया के वर्कलोड मैनेजमेंट की विफल रणनीति बताया और कहा कि जब कोई खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करता है, तो उसे अपना सर्वस्व देना चाहिए।
इरफान ने बुमराह की गेंदबाजी की तारीफ करते हुए कहा, “बुमराह शानदार गेंदबाज हैं। मैं उनकी स्किल्स को बहुत पसंद करता हूं। वह मैच विनर हैं। लेकिन टीम पहले आती है। जब आप भारत के लिए खेलते हैं, तो यह सिर्फ व्यक्तिगत प्रदर्शन नहीं बल्कि टीम की जरूरतों को ध्यान में रखकर खेलना होता है।”
उनकी यह टिप्पणी इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि बुमराह अक्सर इंजरी या रेस्ट के कारण टीम से बाहर रहते हैं, जिससे टीम की गेंदबाजी की धार प्रभावित होती है। टेस्ट क्रिकेट में निरंतरता और समर्पण की आवश्यकता होती है, और ऐसे में पठान की यह बात क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।
Irfan on Jasprit Bumrah: यह बयान सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है, जहां फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स बुमराह के चयन और फिटनेस पर राय दे रहे हैं। कुछ लोग पठान की बात से सहमत दिखे तो कुछ ने बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट को सही ठहराया।
निष्कर्ष:
इरफान पठान का यह बयान सिर्फ बुमराह पर नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट में खिलाड़ियों की भूमिका और उनके समर्पण को लेकर बड़ा संदेश देता है। भारत के लिए खेलना गर्व की बात है और जब खिलाड़ी मैदान पर उतरते हैं, तो उनसे उम्मीद की जाती है कि वे अपना 100% दें। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि बुमराह और टीम मैनेजमेंट इस संदेश को कैसे लेते हैं।