Iran vs Israel: इज़रायल-ईरान के बीच खौफनाक युद्ध! खामेनेई का क्या होगा?
मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की दहलीज़ पर खड़ा है। ईरान और इज़रायल के बीच तनातनी अब सिर्फ धमकी तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब बात सीधे टकराव तक पहुंच गई है। तेहरान से लेकर तेल अवीव तक फिज़ा में बारूद की बू है, और हर दिन हालात और खतरनाक मोड़ ले रहे हैं।
Iran vs Israel: जंग का असली कारण क्या है?
इस युद्ध की नींव कोई एक रात में नहीं पड़ी। ईरान और इज़रायल के बीच दशकों पुरानी दुश्मनी अब नए दौर में प्रवेश कर चुकी है।
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ईरान का परमाणु कार्यक्रम
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सीरिया और लेबनान में ईरानी गतिविधियां
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हमास और हिज़्बुल्लाह को समर्थन
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इज़रायल पर बढ़ते मिसाइल हमले
इन सबने मिलकर हालात को विस्फोटक बना दिया है।
इज़रायल का रुख – पलटवार की नीति
इज़रायल की नीति शुरू से ही स्पष्ट रही है – “जो मारेगा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।”
हाल ही में ईरानी ड्रोन और मिसाइल हमलों के जवाब में इज़रायल ने सीधे तेहरान के मिलिट्री बेस पर एयर स्ट्राइक की। इससे साफ है कि अब युद्ध सीमाओं में बंधा नहीं रहा।
ईरान की प्रतिक्रिया – खामेनेई की अगुवाई में “जिहादी” ऐलान
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने इसे “ईरान की संप्रभुता पर हमला” बताते हुए “मुंहतोड़ जवाब” देने की चेतावनी दी है।
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स अब पूरी तरह से अलर्ट पर हैं, और खाड़ी क्षेत्र में तनाव अपने चरम पर है।
Iran vs Israel: क्या इस जंग में खिंच सकते हैं अन्य देश?
इस संघर्ष के असर सिर्फ ईरान और इज़रायल तक सीमित नहीं रहेंगे।
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अमेरिका पहले ही इज़रायल के समर्थन में उतर चुका है।
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सऊदी अरब और यूएई जैसे देश, जो ईरान से पहले ही दूरी बनाए हुए हैं, अब और भी सतर्क हो गए हैं।
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वहीं, रूस और चीन की चुप्पी भी रणनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है।
जनता में डर का माहौल
तेहरान हो या तेल अवीव – दोनों जगह आम जनता भय और असुरक्षा के माहौल में जी रही है। बंकरों में रहना, हवाई हमलों के सायरन और सोशल मीडिया पर वायरल होती युद्ध की तस्वीरें… सब मिलकर एक भयानक भविष्य का संकेत दे रहे हैं।
अब सबसे बड़ा सवाल: खामेनेई का क्या होगा?
आयतुल्लाह खामेनेई, जो दशकों से ईरान की सत्ता के केंद्र में हैं, अब एक निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं।
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अगर युद्ध और गहराया, तो उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ सकते हैं।
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देश में आर्थिक संकट और जनाक्रोश के बीच इस युद्ध को संभालना उनके लिए आसान नहीं होगा।
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लेकिन अगर वह इज़रायल को किसी भी तरह पीछे हटने पर मजबूर करते हैं, तो यह उनकी राजनीतिक स्थिति को और मजबूत कर सकता है।
निष्कर्ष: क्या यह सिर्फ शुरुआत है?
तेहरान से लेकर तेल अवीव तक फैली यह जंग अब सीमाओं से बाहर निकल चुकी है। ये जंग पुरे विश्व के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
क्या खामेनेई एक नई लड़ाई के बादशाह बनेंगे या इतिहास उन्हें एक बड़ी तबाही का ज़िम्मेदार मानेगा?
आने वाला वक्त इसका जवाब देगा।