Iran vs Israel: “राइजिंग लायन से ऑपरेशन ट्रुथ प्रॉमिस: ईरान-इज़राइल में नया जंग, अमेरिका, ट्रम्प और रूस की भूमिका”

13 जून 2025 को इज़राइल ने अपना अभियान “ऑपरेशन राइजिंग लायन” शुरू किया, जिसमें उसने ईरान के नाटांज़, तेहरान और अन्य सैन्य–नाभिकीय केंद्रों को बड़े पैमाने पर हवाई हमले से निशाना बनाया । इस हमले में ईरानी वायु रक्षा प्रणाली को क्षतिग्रस्त करने, 120 से अधिक मिसाइल लॉन्चरों और प्रमुख सैन्य कमांडरों सहित परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराने का दावा किया गया ।

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Iran vs Israel: ईरान की पलटवार: ऑपरेशन ‘ट्रूथ प्रॉमिस 3’
तुरंत ही ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रूथ प्रॉमिस 3’ नामक अपने खिलाफ हमले का ऐलान किया और 150 से ज़्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों व 100 ड्रोन के साथ इज़राइल पर हमला किया । इन विमानों और मिसाइलों ने तेल अवीव समेत कई शहरों में आईरन-डोम प्रणाली में सेंध लगाई, जिससे 22 लोग घायल हुए।

अमेरिका और ट्रम्प की भूमिका
डोनाल्ड ट्रम्प ने इस सशस्त्र संघर्ष को लेकर मिश्रित रवैया अपनाया। उन्होंने इज़राइल के हमलों की “उत्कृष्ट” प्रशंसा की और ईरान को परमाणु समझौते पर वापस आने की चेतावनी दी—“हमें 60 दिन दिए गए, और अब दिन 61” । हालांकि ट्रम्प ने कहा कि फिलहाल अमेरिकी सैनिक सीधे युद्ध में “शामिल नहीं हैं”, लेकिन साथ ही उन्होंने GBU‑57 बंकर–बस्टिंग बम भी उपलब्ध कराने का संकेत भी दिया । उनके ट्रम्प समर्थकों में यह विवाद का विषय बना हुआ है—कुछ उनका समर्थन करते हैं, कुछ मानते हैं कि यह MAGA विरासत के खिलाफ है ।

Iran vs Israel: ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच हाल की 50 मिनट की टेलीफोन बातचीत में, दोनों ने इस नियमहीन सैन्य अभियान को ख़तरे की दृष्टि से देखा और “इजराइल-ईरान युद्ध को रोका जाना चाहिए” पर सहमति व्यक्त की । पुतिन ने इज़राइल के हमलों की “तीव्र निंदा” की और रूस द्वारा मध्यस्थता की भूमिका निभाने की तैयारी भी जाहिर की ।

रूस की भूमिका और मध्यस्थता
रूस ने स्पष्ट किया कि यह एक “पूरे पैमाने पर युद्ध” बन सकता है ⁠। पुतिन ने ट्रम्प को बताया कि मौजूदा गतिरोध को हल करने के लिए रूस तैयार है, जिसमें परमाणु मुद्दे पर बातचीत भी शामिल हो सकती है ⁠। हालांकि इस बीच ईरान और इज़राइल के बीच तनाव बढ़ता गया, ट्रम्प-रूस के इस संयुक्त संवाद ने कुछ डिप्लोमैटिक रास्ते भी खोल दिए।

मीडिया पर बढ़ते हमले की योजना?
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान बड़े हमले की योजना बना रहा है, जिसमें उसमें ज़्यादा शक्तिशाली वारहेड्स और मीडिया संस्थानों पर साइबर तथा वास्तविक हमले शामिल हो सकते हैं । हालाँकि इस योजना की ताज़ा पुष्टि अभी नहीं हुई, लेकिन यह स्पष्ट है कि ईरान सब्र खोने को तैयार है।

निष्कर्ष
यह वर्तमान संघर्ष एक व्यापक इज़राइली-ईरानी टकराव है, जिसमें अमेरिका (एक प्रमुख समर्थक लेकिन सीमित हस्तक्षेप के साथ), ट्रम्प (मिश्रित समर्थन और धमकी), तथा रूस (निंदा और मध्यस्थता) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ईरान का प्रतिशोध तेज़ से तेज़ हो सकता है—विशेषकर अगर निजी या मीडिया के खिलाफ कार्रवाई की योजना सच हो—तो इस जंग की अगली लहर बेहद खतरनाक और अप्रत्याशित हो सकती है।

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