Iran-Israel Conflict: सीज़फायर बना तमाशा: जब कूटनीति हार गई बारूद से”

पश्चिम एशिया एक बार फिर संघर्ष की चपेट में है। ईरान और इज़राइल के बीच हाल ही में हुआ युद्धविराम अब टूट चुका है और दोनों देश एक-दूसरे पर इसके उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। इस घटनाक्रम में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने इज़राइल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह “वास्तव में नाराज़” हैं और इज़राइल को तुरंत बमबारी रोकने की सलाह दी।

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Iran-Israel Conflict: इज़राइल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने बयान दिया कि उन्होंने तेहरान पर “तीव्र हमले” करने का आदेश दिया है, यह आरोप लगाते हुए कि ईरान ने अमेरिका और कतर द्वारा कराई गई संधि का उल्लंघन किया है। इसके जवाब में ईरान ने इन आरोपों को खारिज किया और चेतावनी दी कि उसकी सेना किसी भी इज़राइली कार्रवाई का जवाब देने को पूरी तरह तैयार है।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि इज़राइली सेना ने तेहरान के पास एक रडार ठिकाने को नष्ट किया, जिसे उसने ईरानी मिसाइल हमलों के जवाब में किया जो कि युद्धविराम उल्लंघन थे। हालांकि, ट्रंप से हुई बातचीत के बाद नेतन्याहू ने आगे की कार्रवाई से खुद को रोक लिया।

बातचीत में ट्रंप ने इज़राइल की सैन्य कार्रवाई की सराहना की और कहा कि युद्ध के सभी उद्देश्य पूरे हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही युद्धविराम को बनाए रखने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया।

Iran-Israel Conflict: इस तनाव के बीच, ईरान ने सोमवार को कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइलें दागीं, यह हमला इज़राइल द्वारा ईरानी परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों की प्रतिक्रिया में किया गया।

ईरान के अनुसार, इज़राइली हमलों में अब तक 400 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें 13 बच्चे शामिल हैं, और 3,056 से अधिक घायल हुए हैं। वहीं इज़राइल ने बताया कि ईरानी हमलों में कम से कम 24 नागरिक मारे गए हैं।

यह ताज़ा घटनाक्रम दर्शाता है कि युद्धविराम सिर्फ एक अस्थायी राहत थी, और जब तक स्थायी समाधान नहीं निकलता, तब तक क्षेत्र में अशांति बनी रहेगी।

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