Inflation in India: खाने पीने की मेहंदी चीजों से परेशान हम लोगों को जल्द ही इस महंगाई से राहत मिलने वाली है। इस राहत की शुरुआत अगले महीने हुई जाएगी खास कर दाल की कीमतों में आने वाले समय में गिरावट आ सकती है सरकार को उम्मीद है कि अगले महीने के अंत तक लोगों को राहत मिलने लगेगी। ईटी के एक रिपोर्ट में कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेट्री निधि खरे के हवाले से कहा गया कि जुलाई महीने के अंत से दलों की कीमतों में गिरावट आने लगेगी तीन मुख्य दलों अरहर दाल चना दाल और उड़द दाल की कीमतों में गिरावट आने की शुरुआत हो सकती है उन्होंने अच्छे मानसून की उम्मीद से दुल्हन की बेहतर बुवाई और दालों की अच्छी आयत कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है।
विभिन्न दालों के मौजूदा खुदरा भाव
रिपोर्ट के अनुसार तीन प्रमुख दालों का आयात अगले महीने के अंत से बढ़ने लगेगा। मोजांबिक और मालवी जैसे दक्षिण अफ्रीका देश में अरहर दाल चना दाल और उड़द दाल का आया जूली के अंत तक बढ़ जाएगा इससे घरेलू बाजार में दालों की आपूर्ति में सुधार होगा जिस की दाल की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 13 जून को चना दाल की औसत खुदरा कीमत 87.74 रुपये प्रति किलो थी इसी तरह अरहर दाल की औसत खुदरा कीमत 160.75 रुपये किलो, उड़द दाल की 126.67 रुपये किलो, मूंग दाल की 118.9 रुपये किलो और मसूर दाल की 94.34 रुपये किलो है सेक्रेटरी के अनुसार, मूंग और मसूर दाल की कीमतें तो नरम हैं, लेकिन अरहर, चना और उड़द दाल के भाव 6 महीने से महंगे चल रहे हैं।
महंगाई को बढ़ाने में दालों का योगदान
अरहर, चना और उड़द दाल के भाव में तेजी का मुख्य कारण मांग और आपूर्ति की खाई है। इन तीनों दाल की बाजार में जितनी मांग है, उतनी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। महंगाई के आंकड़े को तेज बनाए रखने में बीते एक साल से दालों की बढ़ी कीमतों का अहम योगदान रहा है ओवरऑल इंफ्लेशन बास्केट में दालों का हिस्सा 2.4 फीसदी है, फूड बास्केट में उनका हिस्सा 6 फीसदी है।
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