चंद्रमा के करीब भारत का Chandrayaan-3, सफलतापूर्वक लैंडिंग की ओर बढ़ रहा है आगे
Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) अंतरिक्ष यान का लैंडर विक्रम आज अपने लांचिंग मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। विक्रम लैंडर चंद्रमा की और अपनी यात्रा को लगातार जारी रखेगा, जहां भारतवर्ष को आने वाली 23 अगस्त को इसकी सॉफ्ट लैंडिंग होने की लैंडिंग करने की उम्मीद कर रहे हैं। सवारी के लिए धन्यवाद, दोस्त!’ लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने कहा। लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है। लैंडर मॉड्यूल को कल लगभग 16:00 बजे के लिए नियोजित डीबूस्टिंग पर थोड़ी निचली कक्षा में उतरने के लिए तैयार किया गया है,”इसरो ने ट्विटर पर लिखा, कि चंद्रयान-3, भारत की चंद्र अन्वेषण श्रृंखला का तीसरा मिशन है, जिसने इस साल 14 जुलाई को अपनी यात्रा शुरू की थी। और 5 अगस्त को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। चंद्रयान की लॉन्चिंग के 40 दिनों के भीतर सॉफ्ट लैंडिंग प्रयास की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए यह सावधानीपूर्वक अपनी कक्षा को समायोजित कर रहा है।
प्रणोदन मॉड्यूल का क्या होता है?
प्रोपल्शन मॉड्यूल अंतरिक्ष यान का प्राथमिक वर्कहॉर्स है, जो लैंडर मॉड्यूल को चंद्रमा के चारों ओर एक सुरक्षित कक्षा में ले जाने के लिए जिम्मेदार है। इसरो के अनुसार, प्रणोदन मॉड्यूल महीनों या वर्षों तक पृथ्वी की परिक्रमा करता रहेगा, इसके वायुमंडल का स्पेक्ट्रोस्कोपिक अध्ययन करेगा और पृथ्वी के बादलों से प्रकाश के ध्रुवीकरण को मापेगा।
Chandrayaan-3 Mission:
‘Thanks for the ride, mate! 👋’
said the Lander Module (LM).LM is successfully separated from the Propulsion Module (PM)
LM is set to descend to a slightly lower orbit upon a deboosting planned for tomorrow around 1600 Hrs., IST.
Now, 🇮🇳 has3⃣ 🛰️🛰️🛰️… pic.twitter.com/rJKkPSr6Ct
— ISRO (@isro) August 17, 2023
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इस बार सफल लैंडिंग की तैयारी
साल 2019 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछली बार भी चंद्रयान को अंतरिक्ष में भेजा था। लेकिन इसरो ने फिर से नये सुधारों के साथ चंद्रयान को लांच किया है। इस बार लैंडर के लैंडिंग के दायरे को बढ़ा दिया है। जिससे लैंडिंग के निष्फल होने की उम्मीदें काफी कम हो जाता है। इसरो की जानकारी के मुताबिक, 23 अगस्त को चंद्रयान सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में पहुंच जाएगा।
Chandrayaan-3 Mission:
Meanwhile, the Propulsion Module continues its journey in the current orbit for months/years.
The SHAPE payload onboard it would
☑️ perform spectroscopic study of the Earth’s atmosphere and
☑️ measure the variations in polarization from the clouds on…— ISRO (@isro) August 17, 2023
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