समुद्र में China से मुकाबले की तैयारी में Indian Navy, लक्ष्य 2035 को लेकर शामिल करेगी 175 नए वॉरशिप
India-China Tensions: पिछले कुछ सालों में भारत की तीनों सेनाओं ने अपने आप को मजबूत करने के लिए आधुनिक और शक्तिशाली हथियारों को अपने बेड़े में जोड़ा है. हिंदुस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन हैं. वहीं भारत-चीन के बीच सिर्फ जमीनी सीमा पर ही टकराव की स्थिति नहीं है, बल्कि समुद्र में भी दोनों देश एक-दूसरे के धुर विरोधी बनते जा रहे हैं.
दरअसल पहले चीन भारतीय जमीनी क्षेत्रों पर ही अपना दवा ठोकता था, परंतु अब दोनों देशों के बीच मुकाबला हिंद महासागर क्षेत्र में भी है. इसी बीच भारतीय नौसेना ने अपने आप मजबूत करने के लिए अपने हथियारों और साजो-सामान के बेड़े का विस्तारीकरण करने लगी है. बता दें कि भारतीय नौसेना ने अपने आप को मजबूत करने के लिए 68 वॉरशिप और जहाजों के लिए आर्डर दिया है. जिसकी कुल कीमत 2 लाख करोड़ रुपये बताई जा रही है. वहीं हिंदुस्तान का मकसद आने वाले कुछ वर्षों में अपनी नौसेना को ताकतवर बनाना है.
Reaffirming #IndianNavy's commitment to @PMOIndia's vision of #SAGAR, & enhancing maritime cooperation b/n 🇮🇳 &🇲🇺, Offshore Patrol Vessel #INSSharda visited #Mauritius 13 – 15 Sep 23.
Undertook joint EEZ surveillance with Mauritius National Coast Guard.https://t.co/qaxJYIyExs pic.twitter.com/Br29qxGOug— SpokespersonNavy (@indiannavy) September 18, 2023
भारत का लक्ष्य 2035 तक ताकतवर नौसेना बनने का
बता दें कि भारतीय नौसेना को सरकार की तरफ से 143 विमानों और 130 हेलिकॉप्टरों के अलावा 132 युद्धपोतों को खरीदने की इजाजत भी मिली है. इन सब के साथ-साथ अगली पीढ़ी की 8 छोटे युद्धपोत, 9 पनडुब्बी, 5 सर्वे जहाज और 2 बहुउद्देश्यीय जहाजों के निर्माण के लिए मंजूरी मिली है. जिन्हें आने वाले वर्षों में तैयार किया जाएगा, वहीं 2030 तक नौसेना के पास 155 से 160 युद्धपोत हो जाएंगे. दरअसल भारतीय नौसेना का लक्ष्य वर्ष 2035 तक अपने बेड़े में कम से कम 175 युद्धपोत को शामिल करने का है. जिसके जरिए भारतीय नौसेना न सिर्फ रणनीतिक बढ़त हासिल करेगी, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी पहुंच को भी मजबूत कर सकेगी.
ये भी पढ़ें- अनोखे अंदाज में दुल्हन Parineeti को लेने जाएंगे दूल्हे Raghav, Udaipur में चल रही दोनों के शादी की तैयारियां
समुंद्र में बढ़ रहा खतरा
भारत चीन की तरफ से समुंद्र में बढ़ते खतरे को नजरअंदाज नहीं कर सकता है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी-नेवी हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी मौजूदा लॉजिस्टिक चुनौती को दूर करना चाहती है. वह हॉर्न ऑफ अफ्रीका में जिबूती, पाकिस्तान में कराची और ग्वादर में अपना बेस बना चुकी है. माना जा रहा है कि जल्द ही चीनी नौसेना कंबोडिया के रीम में भी अपना विदेशी बेस बना लेगी. उसका मकसद हर समुद्र में अपनी पकड़ मजबूत करना है.
गौरतलब है कि चीन तेजी से जहाजों को अपने बेड़े में शामिल कर रहा है. माना जा रहा है कि उसके पास विश्व की सबसे बड़ी नौसेना है, जिसमें करीब 335 युद्धपोत और पनडुब्बी सम्मिलित हैं. वहीं पिछले 10 वर्षों में चीन ने 150 युद्धपोत अपने बेड़े में शामिल किए हैं. चीन आने वाले अगले पांच से छह वर्षों में अपनी नौसेना में युद्धपोतों की संख्या को 555 तक पहुंचाना चाहता है.
ये भी पढ़ें- Kim Jong Un का Russia दौरा, क्या रूस और उत्तर कोरिया बन रहे हैं एक-दूसरे की जरूरत?
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘Saugandh TV’ को अभी subscribe करें. आप हमें FACEBOOK,और INSTAGRAM पर भी फॉलो कर सकते हैं.