Trudeau के बयान के बाद भारतीय बाजार पर बड़ा असर, कनाडा ने कम किया 50 फीसदी मसूर का निर्यात

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India-Canada Dispute: हाल ही में भारत और कनाडा में सामरिक रिश्तें काफी खराब हो चुकी है। दोनों देशों की तरफ से खालिस्तान बयानबाजी के बाद निर्यात प्रभावित हुआ है। इसी को देखते हुए अरहर और उड़द की दाल के सामान की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. जिसके बाद सितंबर महीने के पहले हफ्ते में सरकार ने व्यापारियों के लिए मसूर दाल की दाल के स्टॉक बढ़ा दिया है. भारत बड़े पैमाने पर मसूर की दाल का आयात कनाडा से करता है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या पर निर्यात कम कर दिया है। व्यापार में कमी आने के कारण भारत में आयातित चीजों के दाम बढ़ने की उम्मीदें जताई जा रही है।

भारत सरकार पर बन रहा है दबाव

हाल ही में, मसूर दाल की कीमतों में बाजार में उछाल देखने को मिल रहा है. आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखते हुए भारत के लिए कनाडा के मसूर दाल की अनदेखी करना भारत के लिए बेहद मुश्किल होगा. उपभोक्ता मामले मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, कि भारत कनाडा से मसूर दाल का आयात बढ़ाने जा रहा था. लेकिन आगामी त्यौहारों के सीजन को देखते हुए उपभोक्ताओं को मसूर की दाल को आम जनता तक पहुंचाने के लिए सरकार को काफी जोड़-घटा करनी पड़ेगी।

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ऑस्ट्रेलिया से बढ़ रहा दाल का आयात

उपभोक्ता मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ो में बताया जा रहा है, कि भारत में हर वर्ष करीब 2.4 मिलियन मीट्रिक टन मसूर दाल की खपत की जाती है. जबकि भारत में मसूर दाल का घरेलू उत्पादन केवल 1.2 मिलियन मीट्रिक टन है। करीब 50 फीसदी खपत को आयात के जरिए पूरा किया जाता है. बहरहाल, कनाडा से मसूर दाल की खरीदारी घटने के बाद ऑस्ट्रेलिया से मसूर का आयात काफी बढ़ गया है.

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