Hawan Aahuti: आखिर क्यों हवन में आहुति देते समय कहा जाता है स्वाहा? पीछे छिपी हैं गहरी वजह…!

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Hawan Aahuti: हिंदू धर्म में हवन एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसे शुभ कार्यों की शुरुआत और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। हवन में आहुति देते समय ‘स्वाहा’ शब्द का उच्चारण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ‘स्वाहा’ का अर्थ है अग्नि को समर्पण करना। अग्नि को देवताओं का दूत माना जाता है, और ‘स्वाहा’ कहकर हम अग्नि देवता से प्रार्थना करते हैं कि वे आहुति को देवताओं तक पहुंचा दें।

इसके साथ ही, इस शब्द के उच्चारण से हम अपनी मनोकामनाओं को देवताओं के समक्ष प्रकट करते हैं, मानते हुए कि वे हमारी इच्छाओं को सुनेंगे और उन्हें पूरा करेंगे। ‘स्वाहा’ शब्द का उल्लेख वेदों में भी मिलता है

जो इस बात को प्रमाणित करता है कि यह एक वैदिक मंत्र है और हवन में इसका उच्चारण पूजा का अभिन्न अंग है। यह शब्द देवताओं के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, जो हमारी आस्था को और भी मजबूत बनाता है।

हिंदू धर्म में हवन के दौरान ‘स्वाहा’ शब्द के महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं में समझाया जा सकता है:

हवन का महत्व:

हवन एक प्रमुख अनुष्ठान है जिसे शुभ कार्यों से पहले और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।

वैदिक महत्व:

‘स्वाहा’ शब्द का उल्लेख वेदों में मिलता है और इसे एक वैदिक मंत्र के रूप में उपयोग किया जाता है।

श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक:

धार्मिक दृष्टिकोण से, ‘स्वाहा’ का उच्चारण पूजा का एक अभिन्न अंग है और यह देवताओं के प्रति श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है।

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