G-20 Summit: दिल्ली में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बैठक काफी अहम

जी20 को लेकर विदेश मंत्री भारत पहुंचे हैं. जहां पीएम मोदी ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए उनका स्वागत किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ये बैठक एकत, एक उद्देश्य और कार्रवाई की एकता की जरूरतों को बल देता है. साथ ही कहा कि मुजे उम्मदी है कि आज की बैठक आम और ठोस उद्देश्यों तक पहुचंने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाएगा. इसी के साथ पीएम मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ की आवाज है. आपको बता दें कि बैठक की शुरुआत करने से पहले तुर्की और सीरिया में हाल ही में आए भूकंपों में जान गंवाने वाले लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया था.

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जी20 को लेकर विदेश मंत्री भारत पहुंचे हैं. जहां पीएम मोदी ने जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए उनका स्वागत किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ये बैठक एकत, एक उद्देश्य और कार्रवाई की एकता की जरूरतों को बल देता है. साथ ही कहा कि मुजे उम्मदी है कि आज की बैठक आम और ठोस उद्देश्यों तक पहुचंने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाएगा. इसी के साथ पीएम मोदी ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ की आवाज है. आपको बता दें कि बैठक की शुरुआत करने से पहले तुर्की और सीरिया में हाल ही में आए भूकंपों में जान गंवाने वाले लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया था.

G-20 को लेकर विदेश मंत्रियों की बैठक

जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक आज दिल्ली में हो रही है. इस बैठक के पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालीना बाएबॉक की आगवानी की. दो मार्च को बैठक में शामिल होने के लिए साऊदी अरब, चीन, इंडोनेशिया, स्पेन और क्रोएशिया के विदेश मंत्री भारत पहुंचे हैं

 रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच बैठक अहम

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ये इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है. इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, फ्रांस की कैथरीन कॉलोना, जर्मनी की एनालेना बेयरबॉक और ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली मौजूद होंगे

संयुक्त विज्ञप्ति पर सहमति आएंगी मुश्किलें

इस बैठक में एक संयुक्त विज्ञप्ति पर आम सहमति बनाने के भारत के प्रयासों के बीच विदेश सचिव विनय क्वात्रा का बयान सामने आया है. जहां उन्होमे कहा है कि इसके परिणाम को लेकर किसी तरह का पूर्वाग्रह नहीं रखा जाना चाहिए. साथ ही कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर जी-20 सदस्यों के बीच काफी मतभेद है. जिसे लेकर ये कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत को सभी देशों को साझा बयान पर राजी करने में मुश्किलें आएंगी. आपको बता दें कि पिछली बार यूक्रेन मुद्दे को लेकर ही बेंगलुरु बैठक में कोई साझा बयान जारी नहीं हो पाया था. ये बैठक वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की हुई थी.

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