बीजेपी में घर की मुर्गी दाल बराबर, अपनी पार्टी की बजाए बाहर से आने वालों को अधिक तवज्जो

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भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दिनों तीन राज्य पंजाब, झारखंड और आंध्रप्रदेश में तीन कांग्रेस से आए हुए नेताओं को प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया है। जिसके बाद संगठन के कुछ पदाधिकारियों के बीच नारीजगी का माहौल है। आरोप लगाया जा रहा है, कि पार्टी में बाहरियों यानि की दूसरी पार्टियों से आए हुए लोगों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। केंद्र और कई राज्यों की सत्ता पर काबिज बीजेपी में दलबदलुओं का कद बढ़ता जा रहा है. इसकी बानगी हाल में घोषित बीजेपी के प्रदेश अध्यक्षों की सूची में भी देखने को मिली। पार्टी ने 4 में से 3 राज्यों में संगठन की कमान दूसरी पार्टी से आए नेताओं को सौंपी है।

दूसरी पार्टी से आए बीजेपी ने बनाया मुख्यमंत्री

भारतीय जनता पार्टी ने कुछ राज्यों में दूसरी पार्टी से आए हुए लोगों को राज्य के मुख्यमंत्री तक की कुर्सी सौंप दी। जिनमें असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, माणिक साहा और पेमा खांडू जैसे तमाम नेता कांग्रेस पार्टी से आकर बीजेपी में शामिल हुए। और अपने राज्यों के मुख्यमंत्री बने। हाल ही में दंगो की वजह से सुर्खियों में आए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, अरूणाचल प्रदेश के पेमा खांडू और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ये तमाम नेता कांग्रेस से बीजेपी में आए।

ये बाहरी नेता अब बने प्रदेशाध्यक्ष

हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक बदलावों में पंजाब कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता सुनील जाखड़ को हाल ही में भाजपा ने पंजाब ने अपना प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया हैं। वहीं बाबूलाल मरांडी को झारखंड तथा मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री रही डी. पुरंदेश्वरी को आंध्रप्रदेश भाजपा की प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी हैं।

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