CBI ने लालू प्रसाद यादव की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, बढ़ सकती हैं मुश्किलें
केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने झारखंड उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल, 2022 के उस आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया है। जिसमें बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव को उस मामले में जमानत दी गई थी, जिसमें उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को झारखंड के डोरंडा कोषागार मामले में उनकी जमानत रद्द करने की मांग करते हुए भारत के सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। जांच एजेंसी ने झारखंड उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल, 2022 के उस आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया है, जिसमें यादव को उस मामले में जमानत दी गई थी, जिसमें उन्हें पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
CBI ने की जमानत के खिलाफ अपील
लालू यादव को झारखंड के देवघर, दुमका, चाईबासा और डोरंडा कोषागार से धोखाधड़ी से नकदी निकालने से संबंधित चारा घोटाले में 5 साल की सजा सुनाई गई थी। देवघर कोषागार मामला देवघर कोषागार से 79 लाख रुपये की गलत निकासी से संबंधित है। लालू यादव, जिन्हें इस मामले में साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल खराब स्वास्थय स्थिति व शारीरिक कमजोरी के कारण अस्थायी तौर पर जेल से रिहा हो गए हैं।
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खराब स्वास्थय के कारण लालू को मिली जमानत
74 वर्षीय यादव वर्तमान में चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद खराब स्वास्थ्य के कारण अस्थायी रूप से जमानत पर बाहर हैं। पिछले दिनों लालू यादव का सिंगापुर में किडनी का ट्रांसप्लांट हुआ है। उनकी बेटी ने अपने पिता के लिए अपनी किडनी दे दी थी। डोरंडा कोषागार द्वारा 139 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी सहित पांचवें चारा घोटाला मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को पांच साल की जेल की सजा सुनाई और इसके साथ ही 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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