British Jet Flight: तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट से ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना, जानिए पूरी कहानी।
ब्रिटिश रॉयल नेवी का अत्याधुनिक F-35B लाइटनिंग फाइटर जेट 22 जुलाई को भारत से रवाना हो गया, जिसने 14 जून को तकनीकी खराबी के कारण तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की थी। यह जेट 10:50 बजे सुबह ऑस्ट्रेलिया के डार्विन के लिए उड़ान भरी, जहां उसे सक्रिय सेवा में फिर से शामिल किया जाएगा।
British Jet Flight: क्या हुआ था 14 जून को?
ब्रिटिश नौसेना का यह फाइटर जेट HMS Prince of Wales से उड़ान भरते समय भारतीय एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन ज़ोन (ADIZ) के बाहर रूटीन सॉर्टी कर रहा था। इसी दौरान हाइड्रोलिक फेल्योर के चलते जेट को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को पहले से ही इमरजेंसी रिकवरी एयरफील्ड के रूप में चिन्हित किया गया था, और इसी कारण यहां लैंडिंग संभव हुई।
भारतीय सहयोग ने निभाई अहम भूमिका
जुलाई 6 से एक ब्रिटिश इंजीनियरिंग टीम को भारत भेजा गया, जिसने तकनीकी मरम्मत और सेफ्टी चेक्स पूरे किए। भारतीय वायुसेना और एयरपोर्ट टीमों ने इस पूरी प्रक्रिया में भरपूर सहयोग दिया, जिसमें फ्यूलिंग तक शामिल थी। एयर इंडिया के हैंगर से जेट को बाहर निकालकर एयरपोर्ट बे पर ले जाया गया, जहां ओवरहॉल प्रक्रिया संपन्न की गई।
British Jet Flight: “केरला, वो जगह जहां आप जाना छोड़ नहीं सकते”
जेट के लंबे समय तक ग्राउंडेड रहने के दौरान, उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। केरल पर्यटन विभाग ने “केरला, द डेस्टिनेशन यू विल नेवर वांट टू लीव” कैप्शन के साथ जेट की तस्वीर साझा की। इसके बाद मिल्मा, केरल पुलिस, AIDS कंट्रोल सोसायटी और कई निजी संगठनों ने भी इस पर पोस्ट किए।
ब्रिटेन ने जताया आभार
ब्रिटिश हाई कमिशन ने भारतीय अधिकारियों और एयरपोर्ट स्टाफ को इस कठिन परिस्थिति में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वे भारत के साथ रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने की उम्मीद रखते हैं।
यह घटना जहां एक तरफ ब्रिटिश रक्षा प्रणाली की जटिलता को दर्शाती है, वहीं दूसरी तरफ भारत के सहयोगी दृष्टिकोण और आपसी संबंधों की मजबूती का भी प्रमाण देती है।