Breaking Bad in India: श्रीगंगानगर में कैमिस्ट्री और साइंस टीचरों का मादक पदार्थों का कारोबार उजागर

राजस्थान के श्रीगंगानगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने वेब सीरीज 'ब्रेकिंग बैड' की कहानी को हकीकत में बदल दिया। यहां एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाले 35 वर्षीय कैमिस्ट्री शिक्षक और एक सरकारी स्कूल के 25 वर्षीय विज्ञान शिक्षक को मादक पदार्थ मेफेड्रोन (MD) बनाने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने 8 जुलाई 2025 की सुबह रेड कर इन दोनों को पकड़ा।

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Breaking Bad in India: क्या था पूरा मामला?

NCB की टीम ने श्रीगंगानगर के रिधि सिंधी एन्क्लेव स्थित ‘ड्रीम होम्स अपार्टमेंट’ की एक फ्लैट में छापा मारा। इस फ्लैट को एक गुप्त लैब के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। जांच के दौरान वहां से करीब 780 ग्राम मेफेड्रोन, कैमिकल्स और दवाइयों के निर्माण में उपयोग होने वाला लेबोरेटरी उपकरण जब्त किया गया। बरामद रसायनों में एसीटोन, बेंजीन, सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट, ब्रोमीन, मेथाइलामीन, आइसोप्रोपाइल अल्कोहल, 4 मेथाइल प्रोपिओफेनोन, और एन-मेथाइल-2-पाइरोलिडोन शामिल हैं।

कैसे हुआ पर्दाफाश?

दोनों आरोपियों ने ₹10,000 मासिक किराए पर यह फ्लैट दो महीने पहले ही लिया था। स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर NCB ने ऑपरेशन प्लान किया और रेड मारी। फ्लैट के भीतर लेबोरेटरी जैसे इंतजाम, कैमिकल्स और तैयार MD देखकर टीम भी हैरान रह गई।

ब्रेकिंग बैड जैसी कहानी

यह घटना टीवी सीरीज ‘Breaking Bad’ की कहानी से मेल खाती है, जिसमें एक केमिस्ट्री टीचर वॉल्टर व्हाइट कैंसर से ग्रसित होकर ड्रग माफिया बन जाता है। फर्क सिर्फ इतना है कि यह कहानी अमेरिका की जगह भारत के राजस्थान में घटी है।

Breaking Bad in India: NCB की जांच जारी

NCB के डिप्टी डायरेक्टर जनरल नीरज गुप्ता के अनुसार, फिलहाल यह जांच जारी है कि ये ड्रग्स कहां बेचे जा रहे थे और इसके पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि समाज में बढ़ते नशे के अवैध कारोबार की भयावह सच्चाई को भी उजागर करती है। ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई और निरंतर निगरानी आवश्यक है।

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