भारतीय न्याय संहिता बिल Lok Sabha में पारित, 7 दिन में होगी केस की सुनवाई, जानें क्या बोले गृह मंत्री
Bharatiya Nyaya Sanhita Bill Passed in Lok Sabha: भारतीय न्यायिक संहिता (द्वितीय) विधेयक 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita Bill Passed in Lok Sabha) बुधवार को लोकसभा में पारित हो गया. इस पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब किसी भी मामले में आरोपी को बरी होने के लिए याचिका दायर करने के लिए सात दिन का समय मिलेगा. जज को सात दिन के अंदर सुनवाई करनी होगी और अधिकतम 120 दिन में मामले की सुनवाई होगी.
#WATCH | Delhi: Home Minister Amit Shah in Lok Sabha says, "Now the accused will get seven days to file a plea for acquittal…The judge has to hold the hearing in those seven days and in a maximum time of 120 days, the case would come to trial. There was no time limit for plea… pic.twitter.com/7KzlLwnbPl
— ANI (@ANI) December 20, 2023
अमित शाह ने क्या कुछ कहा?
गृह मंत्री शाह ने कहा कि अगर कोई आरोपी अपराध करने के 30 दिन के भीतर अपना अपराध कबूल कर लेता है तो सजा कम की जा सकती है. अभी तक मुकदमे के दौरान दस्तावेज पेश करने का कोई प्रावधान नहीं था. हमने 30 दिनों के भीतर सभी दस्तावेज जमा करना अनिवार्य कर दिया है.
शाह ने कहा कि सुनवाई के दौरान अनुपस्थिति का प्रावधान लाया गया है. मुंबई बम धमाकों जैसे कई मामलों ने देश को हिलाकर रख दिया. इन अपराधों को अंजाम देने वाले लोग दूसरे देशों में छिपे हुए हैं और इस वजह से मुकदमा संभव नहीं हो पा रहा है. अब उन्हें यहां आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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सरकार जो कहती है करती है
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि अगर आरोपी 90 दिनों के भीतर अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा जारी रहेगा. इसके साथ ही शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार जो कहती है वो करती है. हमने जो वादा किया उसे पूरा किया है.
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