आचार्य चाणक्य को कौन नहीं जानता होगा। इनकी नीतियां आज दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक माना जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया है जिसे चाणक्य नीति कहते हैं। चाणक्य ने मानव जीवन से जुड़े हर पहलू पर अपनी नीतियां बनाई हैं जिनका पालन करने से मनुष्य को लाभ ही मिलता है चाणक्य ने मनुष्यों की कुछ ऐसी आदतों के बारे में भी बताया है जो उसे गरीबी की ओर ढकेलती हैं तो आज हम अपने इस लेख में इसी विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गरीबी से जुड़ी चाणक्य नीति
चाणक्य की मानें तो मनुष्य को अपने शरीर के साथ-साथ अपने वस्त्रों और दांतों की भी साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि ये बहुत जरूरी हैं वे लोग जो नियम से नहीं नहाते हैं और गंदे वस्त्रों को धारण किए रहते हैं उन पर माता लक्ष्मी की कृपा कभी नहीं होती हैं ऐसे लोग जीवनभर बीमारियों से ग्रस्ति रहते हैं और उनका धन भी इसी में खर्च हो जाता है।
इसके अलावा चाणक्य नीति कहती है कि इस संसार में वही खुश रहता है जो सदा मीठा बोलता है ऐसे लोगों से सभी आकर्षित होते हैं। इनकी हर जगह इज्जत होती है और इन्हें सफलता भी जल्द मिलती हैं। लेकिन जो लोग कड़वा बोलते हैं वे हमेशा नकारात्मकता को फैलाते हैं ऐसे लोगों के पास कोई नहीं रुकता हैं और इन्हें सफलता पाने के लिए अधिक संघर्ष भी करना पड़ता है।
आचार्य चाणक्य की नीति अनुसार भोजन हम सभी के लिए जरूरी है और इसे समय पर करना लाभकारी होता है लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो भोजन जरूरत से ज्यादा करते हैं ऐसे लोगों का ध्यान केवल खाने में ही लगा रहता है और इनके पास धन का संचय भी नहीं होता है। हर किसी को सुबह जल्दी उठना चाहिए क्योंकि सुबह का वक्त मनुष्य को कई रोगों से दूर रखता है लेकिन जो लोग सुबह देर से सोकर उठते हैं उन पर माता लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है और ऐसे लोग हमेशा बीमारियों से घिरे रहते हैं।