Punjab News:पंजाब में विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर में 11 अक्टूबर को जान गंवाने वाले अग्निवीर अमृतपाल सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान सेना द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ नहीं दिए जाने पर शनिवार को खेद प्रकट किया. हालांकि, सेना ने एक बयान में कहा कि सिंह की मौत खुद को गोली मार लेने की वजह से हुई थी, इसलिए हालिया नीति के अनुसार उन्हें कोई ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ नहीं दिया गया या सैन्य अत्येष्टि नहीं की गई. सेना ने बयान में कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने राजौरी सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार ली जिससे उनकी मृत्यु हो गई. अधिक जानकारी के लिए ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ जारी है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का बयान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष कड़ा प्रतिरोध जताएगी. मान ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा कि सिंह की शहादत को लेकर सेना की जो भी नीतियां हो, लेकिन एक शहीद के लिए उनकी सरकार की नीति वही रहेगी और राज्य की नीति के अनुसार सैनिक के परिवार को एक करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि अमृतपाल सिंह देश के शहीद हैं. पुंछ सेक्टर में जम्मू-कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन में कार्यरत अमृतपाल सिंह पंजाब के मानसा जिले में शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया.
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हरसिमरत कौर बादल ने राजनाथ सिंह से की हस्तक्षेप की मांग
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि वह यह जानकर स्तब्ध हूं कि सिंह का अंतिम संस्कार सैन्य ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के बिना ही किया गया. उन्होंने इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हस्तक्षेप की मांग करते हुए सभी शहीद सैनिकों को सैन्य सम्मान देने के लिए आवश्यक निर्देश देने की मांग की.
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