मनोज बाजपेयी को पड़ती है सब्जी वालों से डांट, विदेश में बीवी खरीदती हैं किफायती कपड़े! ‘फैमिली मैन’ ने खोले राज

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Manoj Bajpayee Story: बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म ‘भैया जी’ को लेकर सुर्खियों में हैं. द फैमिली मैन से चर्चा में आए एक्टर ने हाल ही में अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर कई राज खोले हैं. उन्होंने ये भी बताया है कि उनकी पॉपुलर सीरीज ‘द फैमिली मैन’ के तीसरे सीजन के बारे में भी बात की है.

 

मैशेबल इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने ‘द फैमिली मैन 3’ की शूटिंग को लेकर बात की. उन्होंने कहा- ‘अभी तो मजा आने लगा है. शूटिंग में मजा आ रहा है. पहले से बहुत बड़ा और रोमांचक कहानी दिखेगी. इस बार श्रीकांत तिवारी की खैर नहीं है. इस सवाल पर कि किया मनोज ग्रोसरी खरीदते हैं उन्होंने कहा कि हां वे ग्रोसरी शॉपिंग करते हैं.’

 

 

ग्रोसरी भी करते हैं मनोज

मनोज ने कहा- ‘मैं सब्जी और फल खरीदता हूं. अभी मौका नहीं लग रहा क्योंकि शूटिग में बिजी रहता हूं. बारगेनिंग करते हैं. सब्जी वाले डांट देते हैं कि सर ये अच्छा नहीं लग रहा है. फिर मैं बोलता हूं कि प्रैक्टिस कर रहा हूं. मेरी वाइफ पहले ऐसे बर्ताव करती थी जैसे कि मुझे जानती ही नहीं है. उसे बारगेन करना पसंद नहीं है.’

 

 

सीरीयस ड्राइवर हैं एक्टर

‘भैया जी’ एक्टर ने आगे बताया कि कैसे वे ड्राइविंग करते वक्त काफी सीरियस रहते हैं. उन्होंने कहा- ‘जब शुरुआती दिनों में मैं वाइफ को डेट कर रहा था तो वो मेरे साथ ड्राइव पर जाने से मना कर देती थी क्योंकि मैं सीरियसली गाड़ी चलाता था. वो बोलती थी कि ये कैसी ड्राइविंग है कि आप सीधा देख रहे हो बात भी नहीं कर रहे हो.’

 

 

पत्नी विदेश में खरीदती हैं किफायती कपड़े

मनोज बाजपेयी ने आगे खुलासा किया कि उनकी पत्नी विदेश में किफायती कपड़े खरीदती हैं. उन्होंने कहा- ‘शबाना के साथ हम लोग बाहर जाते हैं, जैसे अमेरिका अगर जाते हैं तो ले चाहें नहीं ले लेकिन हर शहर के थ्रिफ्ट स्टोर में जाना है. मेरा और बेटी का काम है ऐसे स्टोर को सर्च करना. अगर मेरे कपडे हैं जिन्हें हटाना चाहिए. हम कार्टन में पैक करते हैं और फ्रेंड रिलेटिव को भेज देते हैं. वो लोग वहां जरुरतमंद लोगों को बांट देते हैं. आप उसे फेंक तो नहीं सकते. उसे ऐसी जगह रखो जहां से सर्कुलेट होता रहे.’

 

 

कॉलेज जाने तक नहीं पहने जूते

अपने कॉलेज दिनों को याद करते हुए मनोज कहते हैं- ‘कालेज जाने तक मैंने जूते नहीं पहने. मैं चमड़े की चप्पल पहनता था. बिहार से था और मेरी आदत थी. अच्छे कपड़े पहनने का शौक हमेशा रहा. तीन ही कपड़े हो लेकिन साफ, धुले हुए, फैशन वाले हो. जूतों का शौक कभी नहीं था. जब मैंने थिएटर करना शुरू किया तब जूते पहनना शुरू किया.’

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