क्यों की जाती है Govardhan Puja, क्या है इसका महत्व? जानें शुभ मुहूर्त, किन राज्यों में है इसका विशेष महत्व

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Govardhan Puja 2023: भारत में गोवर्धन पूजा का एक अलग ही महत्व है. यह पूजा हर साल कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि को की जाती है. पंचांग के अनुसार, इस साल गोवर्धन पूजा मंगलवार( 14 नवंबर) को होगी. गोवर्धन पूजा प्रमुख्य रूप से मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल में धूमधाम से मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता है कि गोवर्धन पूजा में विभिन्न प्रकार के अन्न समर्पित करने के साथ-साथ उसकी पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कि गोवर्धन पूजा के बारे में..

गोवर्धन पूजा का मूर्त

पंचांग के मुताबिक गोवर्धन पूजा कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि को की जाती है. इस बार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से हो रहा है. जबकि यह तिथि 14 नवंबर, 2023 को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर समाप्ति होगी. ऐसे में इस दिन पूजन के लिए 2 घंटे 15 मिनट का समय बेहद शुभ है. गोवर्धन पूजा के लिए सुबह का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 45 मिनट से 9 बजे तक का है.

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गो-वंश की पूजा का महत्व

गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट की भी पूजा की जाती हैं. पौराणिक मान्यता है कि इस पर्व की शुरुआत द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के बाद हुआ था. इस दिन गो-वंश की पूजा का विशेष धार्मिक महत्व है. यही कारण है कि गोवर्धन पूजा के दिन लोग पशुधन की पूजा करते हैं और घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ की विशेष आकृति बनाते हैं, फिर उसकी पूजा करते हैं.

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