NCP का असली बॉस कौन? चाचा-भतीजा या फिर कोई और, चुनाव आयोग आज लेगा बड़ा फैसला
Sharad VS Ajit: आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. चुनाव आयोग के द्वारा आज एनसीपी के नए चेहरे को लेकर सुनवाई करेगा. बता दें कि शरद पवार और अजित पवार के गुट ने चुनाव आयोग में नाम और चुनाव चिह्न के दावों को लेकर याचिका डाला है. जिसपर आज सुनवाई होगी. दरअसल इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब शरद पवार के भतीजे अजित पवार भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए. इसके बाद ही अजित ने एनसीपी पर अपना दावा भी ठोका.
शरद ने किया था चुनाव आयोग का रुख
बता दें कि शरद पवार ने भतीजे अजित की इस चाल के खिलाफ चुनाव आयोग का रुख किया था. वहीं अब दोनों गुटों को चुनाव आयोग के सामने अपना-अपना पक्ष रखना है. वहीं शरद पवार गुट के खिलाफ चुनाव आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
Election Commission of India to hear today the plea of both the factions of Nationalist Congress Party (NCP) – Sharad Pawar's and Ajit Pawar's over the claim on the party name and symbol.
In July, ECI directed both Sharad Pawar and Ajit Pawar to share documents, submitted to the… pic.twitter.com/oVO8EBDnYY
— ANI (@ANI) October 6, 2023
दरअसल अजित पवार गुट की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि अजित पवार को राकांपा का अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए. इतना ही नहीं चुनाव चिह्न आदेश, 1968 के प्रावधानों के तहत पार्टी का प्रतीक चिह्न भी आवंटित कर देना चाहिए. वहीं शरद पवार ने कहा कि एनसीपी की स्थापना किसने की और पार्टी किसकी है ये सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं. इसके बाद भी पार्टी को हथियाने की कोशिश की जा रही है. जिसके बाद अजित पवार ने कहा कि चुनाव आयोग का जो भी फैसला होगा उसे स्वीकार किया जाएगा.
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कैसे टुटा एनसीपी?
बता दें कि पिछली विधानसभा चुनाव के बाद नवंबर 2019 में भाजपा के साथ सरकार बनाने की असफल कोशिश के बाद शरद पवार ने अजित पवार को पूरी तरह पार्टी से किनारे कर दिया था. वहीं 2 जुलाई 2023 को अजित पवार ने शिवसेना (शिंदे ग्रुप) + भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. गौरतलब है कि 5 जुलाई, 2023 को चुनाव आयोग को अजित पवार की ओर से पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा करने वाली एक याचिका और उनके गुट के सांसदों और विधायकों से उनके समर्थन में 40 हलफनामे मिले. वहीं शरद पवार गुट ने कैविएट दाखिल कर पहले याचिका पर सुनवाई करने का आग्रह किया था.
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