Uniform Civil Code क्या है? जिसे लेकर मचा है बवाल, जानिए पूरी जानकारी
Uniform Civil Code: भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है. जिसमें विभिन्न धर्म, संप्रदाय व सामाजिक मान्यताओं को मानने वाले लोग निवास करते है। समान नागरिक सहिंता का मुद्दा देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। राज्यसभा में इसके लिए विधेयक पेश किया जा चुका है. सरकार की तरफ से सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जब राज्यसभा में विधेयक को पेश किया. तो विपक्ष की तरफ से जबरदस्त हंगामा भी देखने को मिला। विधेयक के पक्ष में 63 तो विपक्ष में 23 मत डाले गए। तो आईये जानते हैं कि क्या है Uniform Civil Code/ यूनिफॉर्म सिविल कोड.
Uniform Civil Code क्या है ?
समान नागरिक सहिंता के तहत पूरे देशभर में एक नियम लागू होगा. जिनमें विवाह,संपत्ति, विरासत गोद लेने इत्यादि व्यक्तिगत मामलों को शामिल किया गया है. जिसके कारण, सभी धार्मिक तथा आदिवासी व्यक्तिगत मामलों पर संपूर्ण देश में एक ही कानून बनेगा। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के पश्चात हिंदू विवाह अधिनियम (1955), हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (1956) और मुस्लिम व्यक्तिगत कानून आवेदन अधिनियम (1937) जैसे धर्म पर आधारित व्यक्तिगत कानून तकनीकी रुप से भंग हो जायेंगे। संविधान के अनुच्छेद 44 के अनुसार, सरकार समूचे भारत के नागरिकों के लिए व्यक्तिगत मामलों में एक कानून सुरक्षित करने की कोशिश कर रही है।
2019 में BJP के घोषणापत्र में शामिल था UCC
बता दें, कि समान नागरिक संहिता यानि (Uniform civil Code) भारतीय जनता पार्टी के चुनावी एजेंडे में भी शामिल था, इस मुद्दे पर भाजपा ने 2019 के चुनावों में अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। अतः सरकार सभी धर्म, संप्रदाय के मौजूदा व्यक्तिगत अलग-अलग कानूनों को बदलकर सभी भारतीय नागरिकों को समान रूप से एक ही तरह के कानूनी प्रक्रिया में समावेशित करना चाहती है।