बंद कमरे में अकेले देख सकते हैं PORN, Kerala High Court ने सुनाया बड़ा फैसला, माता-पिता को दी चेतावनी
Kerala News: केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार (13 सितंबर) को पॉर्न को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. जहां कोर्ट ने कहा कि अकेले पोर्न देखना कोई अपराध नहीं है. दरअसल, हाल ही में केरल हाई कोर्ट में एक शख्स के खिलाफ पुलिस ने सड़क किनारे अश्लील वीडियो देखने का मामला दर्ज किया. जिस पर अब कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई दूसरों को दिखाए बिना अकेले पॉर्न देखता है तो इसे अपराध नहीं माना जाएगा.
पोर्न पर जाने क्या कहा हाईकोर्ट ने?
गौरतलब है कि मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी.वी. केरल उच्च न्यायालय के. कुन्हिकृष्णन ने कहा कि अकेले पोर्न वीडियो देखना अश्लीलता के तहत अपराध नहीं है. कोर्ट ने आगे कहा कि अगर कोई अश्लील वीडियो ‘निजी तौर पर’ देखता है और उसे किसी और को नहीं भेजता है या सार्वजनिक रूप से नहीं देखता है, तो यह आईपीसी के तहत अश्लीलता का अपराध नहीं होगा. कोर्ट ने कहा कि इस तरह का कंटेंट देखना किसी व्यक्ति की निजी पसंद है और कोर्ट उसकी निजता में दखल नहीं दे सकता.
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हाईकोर्ट ने अभिभावकों से की ये गुजारिश
सुनवाई के दौरान जस्टिस ने आगे कहा, ”किसी व्यक्ति द्वारा अश्लील तस्वीरें देखना आईपीसी की धारा 292 के तहत अपराध नहीं है.” अगर आरोपी इसको प्रसारित या वितरित करता है या सार्वजनिक रूप से कोई भी अश्लील वीडियो या फोटो दिखाना आईपीसी की धारा 292 के तहत अपराध होगा.” जस्टिस ने माता-पिता को यह भी चेतावनी दी कि नाबालिग बच्चों को बिना निगरानी के मोबाइल फोन देने में खतरा है, क्योंकि इंटरनेट पर अश्लील वीडियो आसानी से उपलब्ध हैं और अगर बच्चे उन्हें देखते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
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