अंतराष्ट्रीय विशेषज्ञों के मदद से 17 दिन बाद टनल से बाहर निकले श्रमिक, PM Modi ने फोन पर की बातचीत
Uttarkashi Tunnel Rescue Operartion: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 12 दिसंबर यानि दिवाली के दिन सिलक्यारा टनल में भूस्खलन की वजह से 41 मजदूर फंस गए थे. जिसके बाद 17 दिनों तक युध्स्तर पर चले बचाव अभियान के बाद उन्हें 28 नवंबर को रात 7 बजकर 56 मिनट पर पहले श्रमिक को बाहर निकाल लिया गया. जिसके बाद लगभग 45 मिनट में बाकि बचे 40 श्रमिकों को भी सफलतापूर्वक निकाल लिया गया. ऐसे में आइए जानते हैं कि श्रमिक टनल के अंदर कैसे फंस गए थे. दरअसल 12 नवंबर को रोजाना की तरह मजदूर टनल के अंदर काम कर रहे थे. तभी सुबह 5:30 बजे अचानक भूस्खलन होने लगा. इस दौरान कई मजदूर बाहर निकल गए. परंतु अचानक निर्माणाधीन टनल का 60 मीटर हिस्सा धंस गया. जिसकी वजह से 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंसे रह गए.
कैसे सुरंग में फंसे मजदूर?
बता दें कि ये मजदूर टनल के अंदर सिलक्यारा छोर से अंदर गए थे. जिस सुरंग में श्रमिक फंसे थे उसका लगभग 2340 मीटर का हिस्सा तैयार हो चुका है. इसी हिस्से में भूस्खलन के बाद पहाड़ का मलबा 200 मीटर की दूरी पर गिरा हुआ है. मलबा करीब 60 मीटर लंबाई में है. यानी मजदूर 260 मीटर के ऊपर फंसे थे. इन मजदूरों के पीछे जाने के लिए दो किलोमीटर का इलाका है. 50 फीट चौड़ी रोड और दो किलोमीटर लंबाई में सभी श्रमिक रह सकते थे. वहीं प्रशासन ने सुरंग में फंसे मजदूरों को तनावमुक्त रखने के लिए बाहर से कई तरीके अपनाए. प्रशासन के द्वारा श्रमिकों को समय व्यतीत करने के लिए लूडो, ताश और शतरंज सुरंग के अंदर भेजे गए थे. साथ ही मजदूरों को योग करने की भी सलाह दी गई.
#WATCH | A rescued worker at Chinyalisaur Community Health Centre shares a video of his fellow workers who were brought out safely from the Silkyara tunnel after 17 long days pic.twitter.com/DRBSwNrQ4o
— ANI (@ANI) November 29, 2023
युद्धस्तर पर 17 दिनों तक चला बचाव अभियान
बता दें कि बचाव दल ने शुरुआत में हॉरिज़ोंटल यानी क्षैतिज खुदाई शुरू की ताकि सीधे रास्ते से सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचा जा सके. परंतु इस प्रक्रिया में बचाव दल को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जिसके बाद मलबे में सरिए और मिश्रित धातू से टकराने की वजह से ऑगर मशीन को नुकसान पहुंचा. और फिर ऑगर मशीन टूट गयी जिसके बाद उसे निकलाने में काफी समय गया. बता दें कि पिछली असफलता से आगे बढ़ते हुए वर्टिकल खुदाई शुरू की गई. परंतु बाद में रैट माइनिंग की प्रक्रिया से खुदाई की गई.
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue |On worshipping God daily and the challenges, international tunnelling expert, Arnold Dix says, "I didn't ask anything for me, I asked for 41 people out there… and for all the people helping… We couldn't get anyone hurt…" pic.twitter.com/S7aMBEiktz
— ANI (@ANI) November 29, 2023
विशेषज्ञों की मदद से श्रमिकों को बाहर निकाला
बता दें कि बचाव अभियान के लिए कई विशेषज्ञों को भी बुलाया गया था जिसमें अंतराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स और माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर शामिल थे. इनके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन के अलावा भारतीय सेना का दल भी इस बचाव अभियान में लगा हुआ था. बता दें कि मजदूरों के सुरंग से सकुशल बाहर निकलने पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री वीके सिंह ने उनका स्वागत माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर कर किया. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने भी टनल में फंसे मजदूरों से टेलीफोन पर बातचीत कर उनका हाल समाचार जाना. साथ ही उनके हौसले को भी सलाम किया. बता दें कि मजदूरों के टनल से बाहर आने पर उनके परिजनों के साथ-साथ पुरे देश में खुशी छा गई.
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