UNO: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता: पाकिस्तान ने जुलाई 2025 में रचा इतिहास

पाकिस्तान ने जुलाई 2025 के महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता संभाल ली है। यह न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि वैश्विक राजनीति में भी एक अहम मील का पत्थर है। इस मौके पर पाकिस्तान ने बहुपक्षीयता (Multilateralism), अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान और वैश्विक विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई है।

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UNO: पाकिस्तान जनवरी 2025 से दो साल की अवधि के लिए सुरक्षा परिषद का गैर-स्थायी सदस्य बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य होते हैं, जिनमें से 5 स्थायी और 10 गैर-स्थायी होते हैं। अध्यक्षता का कार्य एक महीने के लिए सदस्य देशों के बीच वर्णानुक्रम में घूमता है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि इस भूमिका को “उद्देश्य, विनम्रता और दृढ़ विश्वास” के साथ निभाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की नीति संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान और बहुपक्षीय दृष्टिकोण पर आधारित रहेगी।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद, इस महीने परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में दुनिया एक जटिल भू-राजनीतिक दौर से गुजर रही है जिसमें अस्थिरता, संघर्ष और शांति व सुरक्षा के प्रति खतरों में इज़ाफा हो रहा है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान को यह भूमिका संयुक्त राष्ट्र महासभा में 193 में से 182 देशों के समर्थन से मिली है। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि है।

UNO: यह आठवीं बार है जब पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का गैर-स्थायी सदस्य बना है। इससे पहले पाकिस्तान 1952–53, 1968–69, 1976–77, 1983–84, 1993–94, 2003–04 और 2012–13 में भी इस भूमिका को निभा चुका है।

इस उपलब्धि से पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को और मजबूती से प्रस्तुत करने का अवसर मिला है, साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसके कूटनीतिक कद को भी बढ़ाता है।

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